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मुश्किल में पूरी दुनिया, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सुनाई ‘खुशखबरी’

मुश्किल में पूरी दुनिया, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सुनाई 'खुशखबरी'

दुनिया के तमाम देश कोरोना वायरस के प्रकोप से परेशान हैं और उनकी अर्थव्यवस्था की हालत भी दिन पर दिन खराब होती जा रही है. हालांकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरन खान इसके ठीक उलट दावा कर रहे हैं. पाकिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले काफी कम आ रहे हैं. इमरान खान इसे लेकर कई बार अपनी सरकार की पीठ थपथपा चुके हैं. इमरान ने कहा था कि उनका देश उन चंद खुशनसीब देशों में से एक है जहां कोरोना पर काबू पा लिया गया है. इमरान खान ने अब एक ट्वीट में कहा है कि पाकिस्तान की पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था भी सही रास्ते पर आ गई है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को ट्वीट किया कि उनके देश का करेंट अकाउंट बैलेंस जुलाई महीने में  424 मिलियन डॉलर के सरप्लस में पहुंच गया है. इमरान खान ने कहा कि ये आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सही ट्रैक पर है. इमरान खान ने ट्वीट में कहा, पिछले साल जुलाई महीने में पाकिस्तान का करेंट अकाउंट घाटा 613 मिलियन डॉलर था जबकि पिछले महीने ये 100 मिलियन डॉलर तक पहुंचा था.

इमरान खान ने इस तरक्की के पीछे वजह बताते हुए कहा कि विदेश में काम कर रहे पाकिस्तानियों ने रिकॉर्ड स्तर पर पैसा घर भेजा (रेमिटेंस) और निर्यात में भी जबरदस्त सुधार हुआ है. जून 2020 के मुकाबले निर्यात में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पिछले हफ्ते जारी किए गए डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान को नए वित्तीय वर्ष में 2.768 अरब डॉलर का रिकॉर्ड रेमिटेंस हासिल हुआ. पिछले वित्तीय वर्ष (जून 2019- जून 2020) में पाकिस्तान को कुल 23 अरब डॉलर का रेमिटेंस हासिल हुआ था. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बयान में कहा कि किसी एक महीने में पाकिस्तान में अब तक का सबसे ज्यादा रेमिटेंस (2.76 अरब डॉलर) आया है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले सप्ताह ट्वीट किया था, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए और भी खुशखबरी है. विदेशों में बसे पाकिस्तानियों ने जुलाई 2020 में 2768 मिलियन डॉलर घर भेजे जो पाकिस्तान के इतिहास में किसी एक महीने में सबसे ज्यादा रकम है.

इससे पहले, पाकिस्तान के योजना मंत्री असद उमर ने भी जुलाई महीने में करेंट अकाउंट के सरप्लस में आने को लेकर ट्वीट किया था. उमर ने कहा था कि पीटीआई सरकार जब आई थी तो उसे पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज सरकार से 2 अरब डॉलर का करेंट अकाउंट घाटा विरासत में मिला. करेंट अकाउंट के भारी घाटे में होने की वजह से हम पर दूसरे देशों का भारी भरकम कर्ज चढ़ गया और हमारी स्वतंत्रता और सुरक्षा से समझौते की नौबत आ गई.

वित्त मंत्रालय के डेटा के आधार पर पाकिस्तानी अखबार डॉन ने भी रिपोर्ट छापी थी. इसमें कहा गया था कि पीटीआई सरकार के सत्ता में आने के बाद से चालू अकाउंट घाटा 20 अरब डॉलर से 3 अरब डॉलर पर लाया गया है जबकि कोरोना महामारी की वजह से मांग में आई कमी के बावजूद निर्यात में बढ़ोतरी हुई है. इमरान खान की सरकार ने कर्ज का भी पहले से बेहतर प्रबंधन किया है.

पिछले साल पाकिस्तान के भुगतान संकट की वजह से दिवालिया होने की नौबत आ गई थी. उस वक्त सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का कर्ज दिया था. इसके अलावा, सऊदी ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर के उधार में तेल लेने की सुविधा भी दी थी. सऊदी और चीन की मदद से पाकिस्तान इस आर्थिक संकट से उबर पाया था.

 

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