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खेल जगत

दो साल पहले खतरे में था नीरज चोपड़ा का केरियर, ऐसे मिला ओलंपिक वाला हाथ

दो साल पहले खतरे में था नीरज चोपड़ा का केरियर, ऐसे मिला ओलंपिक वाला हाथ

नीरज चोपड़ा ने शनिवार को टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर भाला फेंककर भारत को गोल्ड मेडल दिलाया. नीरज 2018 कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतने के बाद से ही ओलंपिक की तैयारी करने में जुट गए थे. लेकिन 2019 का साल उनके लिए अच्छा नहीं रहा. चोट और फिर सर्जरी के चलते करीब 6 महीने वे मैदान से दूर रहे. नीरज ने 2019 में उसी हाथ की सर्जरी कराई थी, जिससे वे भाला फेंकते थे.

नीरज का ऑपरेशन करने वाले आर्थोपेडिक सर्जन दिनशॉ पारदीवाला ने बताया कि चोपड़ा को कोहनी में चोट लगी थी, यह उनके करियर को भी खतरे में डाल सकती थी, लेकिन समय पर इलाज से उन्हें मदद मिली.

वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाए थे नीरज

चोट के चलते नीरज चोपड़ा 2019 में दोहा में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाए थे. डॉ पारदीवाला ने बताया कि यह उनके लिए एक अहम सर्जरी थी क्योंकि नीरज भाला भी नहीं फेंक पा रहे थे. नीरज के सीधे हाथ के कोहनी में चोट लगी थी, इसी से वे भाला फेंकते थे. हाथ में चोट लगने के कारण उन्हें बहुत दर्द हो रहा था.

2 घंटे चला था ऑपरेशन

कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में सेंटर फॉर स्पोर्ट्स मेडिसिन एंड डायरेक्टर आर्थ्रोस्कोपी एंड शोल्डर सर्विस के प्रमुख डॉ. पारदीवाला ने कहा, उनकी कोहनी ‘लॉक’ स्थिति में थी और फंस गई थी. 3 मई 2019 को उनका ऑपरेशन हुआ. यह दो घंटे चला. इसके बाद चोपड़ा को चार महीने तक रिहैब प्रोसेस से गुजरना पड़ा. लेकिन इसके बाद सब कुछ सही होगा और वे दोबारा भाला फेंकने में सक्षम हुए.

चोपड़ा के अलावा डॉ पारदीवाला ने भारतीय क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह, श्रेयस अय्यर, साइना नेहवाल, गीता-बबीता फोगाट का भी इलाज किया है. चोपड़ा को एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट की ओर से डॉ पारदीवाला के पास रेफर किया गया था. जब नीरज को बताया गया कि पहले भी कई एथलीट सर्जरी के बाद मैदान पर लौटे हैं, तो वे आश्वस्त हो गए.

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