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जिले का पहला रोबोटिक कोविड हॉस्पिटल बना यथार्थ,रोबोट और डॉक्टरस का अनोखा संगम,देखे विडियो

कोविड मरीजों को परिवारों के साथ जुड़े रहने में मदद करने और मरीजों को मनोचिकित्सकीय परामर्श प्रदान करने के लिए यथार्थ कोविड हॉस्पीटल, नोएडा एक्सटेंशन ने ‘मित्रआ रोबोट“ लगाया है।

प्रसिद्ध ʺमित्रआ रोबोट‘ को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल भारत की यात्रा पर आई इवांका ट्रम्प के लिए पेश किया था। ‘मित्रआ रोबोट‘ एक ह्यूमनॉइड रोबोट है जिसे बेंगलूर स्थित भारतीय रोबोट कंपनी , भारतीय स्टार्टअप कंपनी इन्वेंटो रोबोटिक्स ने डिज़ाइन और विकसित किया है।

नोएडा एक्सटेंशन स्थित यर्थाथ कोविड अस्पताल के भीतर ʺमित्रआ रोबोट‘ मरीजों को बेहतरीन अनुभव प्रदान कर रहा है। ज्यादातर कोविड अस्पताल आईसीयू के भीतर फोन ले जाने की अनुमति नहीं देते है वैसे में मरीज इस रोबोट की मदद से अपने परिवार के साथ वीडियो कॉल करके अपने परिवार के साथ जुडे रहते हैं। यह रोबोट सुइट रूम के अंदर भी जाता है और यथार्थ हॉस्पीटल के मनोचिकित्सक रोबोट के माध्यम से मरीजों से बात करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य कोविड उपचार का महत्वपूर्ण पहलू है और यह सेवा रोबोट की मदद से प्रदान की जा रही है।

यथार्थ हॉस्पीटल के निदेशक यथार्थ त्यागी  ने बताया “मानसिक स्वास्थ्य कोविड उपचार का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसलिए हमने इस सेवा को शुरू करने का फैसला किया। रोबोट पर एक स्क्रीन है और इसके माध्यम से मनोचिकित्सक मरीजों से बात करते हैं और उनके प्रश्नों का उत्तर देते हैं। रोबोट आईसीयू मे मरीजों के पास खुद जाकर वीडियो कॉल कराता है और उन्हें अपने परिवार से जुडा रखता है।‘‘

नौएडा के सेक्टर -११० और गेटर नौएडा के ओमेगा -१ स्थित नोन-कोविड यथार्थ हास्पीटल में  रोबोट को अस्पताल के प्रवेश द्वार पर लगाया गया है जहां यह आगंतुकों से उनका विवरण पूछता है ओर विकिरण तकनीक का उपयोग करके सटीक परिणामों के साथ उनके शरीर के तापमान की जांच करता है। यह चेहरा पहचानने की तकनीक के माध्यम से लोगों की पहचान कर सकता है। यह तब सर्दी और खांसी के लक्षणों  से संबंधित कुछ सवाल पूछता है। यदि व्यक्ति में तापमान खांसी और सर्दी के कोई संकेत नहीं है, तो रोबोट एक प्रवेश पास प्रिंट करता है जिसमें व्यक्ति के नाम और तस्वीर के साथ स्क्रीनिंग परिणामों का उल्लेख होता है।

यथार्थ अस्पताल ने दो मित्रआ  रोबोट को 10 लाख रुपये में खरीदा। जहां एक को उसकी नोएडा एक्सटेंशन स्थित हॉस्पीटल में लगाया गया है जबकि दूसरे को नौएडा के सेक्टर 110 स्थित हॉस्पीटल में लगाया गया था लेकिन अब इसे ग्रेटर नॉएडा सेक्टर ओमेगा –1 स्थित अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां यह हर दिन लगभग 500 ओपीडी रोगियों और आईपीडी रोगियों के रिश्तेदारों को स्क्रीन करता है।

इससे पहले, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने दिल्ली और झज्जर में अपने कोविड हॉस्पीटल में रोगियों की संपर्क रहित निगरानी के लिए रोबोट पेश किए। गुड़गांव स्थित कंपनी द्वारा विकसित इसी तरह के रोबोट का उपयोग एम्स की झज्जर शाखा में भी किया जा रहा है।

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