[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
उत्तर प्रदेश

नोएडा के बाद गाजियाबाद में सुपरटेक एस्टेट और जीडीए की मिलीभगत से सरकार को करोड़ों का चूना

नोएडा के बाद गाजियाबाद में सुपरटेक एस्टेट और जीडीए की मिलीभगत से सरकार को करोड़ों का चूना

गाज़ियाबाद के वैशाली सेक्टर 9 स्तिथ सुपरटेक एस्टेट पर आखिर जीडीए क्यो मेहरबान है क्या कारण है जो हाईकोर्ट के दखल के बाद भी आज तक सुपरटेक एस्टेट पर कोई करवाई नही हुई अगर करवाई हुई है तो सिर्फ कागजों में खाना पूर्ति के लिए । सुपरटेक एस्टेट को जीडीए की तरफ से 247 फ्लैट बनाने की परिमिशन मिली थी जबकि बिल्डर के द्वारा 357 फ्लैट बना दिये गए , करोड़ों रुपये की जमीन पर सुपरटेक एस्टेट का कब्जा है । जीडीए की ग्रीन बेल्ट पर भी सुपरटेक एस्टेट का कब्जा है जिसपर बिल्डर के द्वारा पार्किंग काटकर बेची गयी है जबकि बिल्डर को सरकारी जमीन बेचने का कोई अधिकार नही है । जीडीए के उपाध्यक्ष से इस संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने पूरे प्रकरण को देखने का बहाना कर दिया , जीडीए के ओएसडी सुशील चौबे का कहना है करवाई की जा रही है नोटिस पहले भी दिए गए थे लेकिन उन पर कोई संज्ञान नही लिया गया फिर से करवाई की जाएगी जो अवैध दुकान या फ्लैट है जीडीए समय समय पर ध्वस्तीकरण से लेकर सीलिंग तक की करवाई करता रहा है और आगे भी करता रहेगा । सुपरटेक एस्टेट में 110 फ्लैट मालिकों को RWA के चुनाव में वोटिंग का अधिकार नही है उसके बाबजूद बिल्डर के द्वारा बनाई गई सोसाइटी के चुनाव में सबको अधिकार दिए गए है जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015/16 में 110 फ्लैट अवैध घोषित कर दिए थे तभी उनको वोट डालने का अधिकार नही दिया था । सुपरटेक एस्टेट के द्वारा प्रहलादगाडी की जमीन पर जो नक्सा पास कराया गया था वह 247 फ्लैट का था फिर 357 कैसे बन गए उस वक्त जीडीए के अधिकारी कुम्भकर्ण की नींद में सो रहे थे । अक्टूबर माह में RWA के चुनाव होने वाले है सुपरटेक एस्टेट में और देखने वाली बात ये होगी क्या रजिस्टार महोदय माननीय हाईकोर्ट की मर्यादा को रखते है या अपना ही कानून चलाते है वैसे भी लोगों को कानून के साथ खेलने की पुरानी आदत है । जीडीए के अधिकारी कर्मचारी कानों में तेल डालकर आराम से सो रहे है जबकि पूरे जनपद में अवैध निर्माण जोरों पर है जेई , सुपरवाइजर, अधिकारियों से बेखौफ अपनी अपनी जेब भरने में लगे हुए है । मेरठ से समाजसेवी ओमप्रकाश रतूड़ी, विनीत जैन व उनकी टीम के द्वारा इसी संदर्भ में रजिस्टार अरविंद कुमार से मुलाकात की तो उन्होंने बताया जल्द ही करवाई की जाएगी और जो लोग चुनाव में सम्लित नही हो सकते उनको जबरन वोटिंग नही करने दी जाएगी । सुपरटेक एस्टेट की कुछ दुकानों और जगह पर जीडीए के द्वारा करवाई की गई जिसमे कुछ दुकानों को सील किया गया लेकिन बेहद अफसोस सील लगी हुई दुकान कैसे खुल सकती है । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के द्वारा 30/06/2015 को प्रश्नगत सूची जारी की जिसमे 247 को ही वोटिंग का अधिकार दिया गया है जबकि सुपरटेक एस्टेट के द्वारा 357 फ्लैट बनाये गए जिसमे 110 फ्लैट अवैध है इसके अतिरिक्त सुपरटेक एस्टेट के द्वारा ग्रीन बेल्ट पर कब्जा किया हुआ है । प्रहलादगडी गांव के खसरा संख्या 299, 300, 302 जिसका क्षेत्रफल 16265 वर्गमीटर है । फ्लैट खरीदने वाले वायर्स ने फ्लैट को सुपरटेक एस्टेट के नियमानुसार भुगतान कर रजिस्ट्री करवाई थी । अपार्टमेंट एक्ट 2010 की धारा 4 उपधारा 5 के अनुसार जिन फ्लैटों को स्वीकृति के बिना बनाया गया है उनको मताधिकार का अधिकार नही है । गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के कारण ही अवैध निर्माण सम्भव पाया उस वक्त तय मानक के अनुसार सुपरटेक एस्टेट को काम करने दिया होता तो आज भ्रष्टाचार इतना ज्यादा नही होता । देखने वाली बात ये होगी क्या गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण कुम्भकर्ण की नींद से जागता है या नही ।

Show More

Related Articles

Close