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दुनिया मे आया MU वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक

दुनिया मे आया MU वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक

जिनेवा. दुनिया में फैले कोरोना वायरस महामारी को 1.5 साल से अधिक वक्त हो चुका है. दुनियाभर में वैक्सीनेशन अभियान भी जोरों पर चल रहा. फिर भी इस वायरस के अलग-अलग वेरिएंट सामने आ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब एक और नए कोविड वेरिएंट पर नजर रखना शुरू कर दिया है. कोलंबिया में म्यू (Mu Variant) के मामले मिले हैं. ये B.1.621 वेरिएंट का दूसरा नाम है. पहली बार इसका पता इस साल जनवरी में चला था. इस वेरिएंट से जुड़े हुए चार हजार मामले दुनिया के 40 से अधिक देशों में सामने आ चुके हैं.

म्यू वेरिएंट को लेकर चिंता की बात ये है कि WHO के मुताबिक, ये वैक्सीन को बेअसर कर सकता है और ज्यादा संक्रामक भी हो सकता है. WHO का कहना है कि इस वेरिएंट की गंभीरता को समझने के लिए और स्टडी की जरूरत है. WHO ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘म्यू वेरिएंट जनवरी 2021 में कोलंबिया में सामने आया. इस दौरान म्यू वेरिएंट के कुछ मामले देखने को मिले.’ वहीं, देखते ही देखते ये वेरिएंट दक्षिण अमेरिका और यूरोप के मुल्कों के अलावा अन्य देशों तक पहुंच गया. वैश्विक स्तर पर इसके मामलों में कमी आई है और ये 0.1 फीसदी से भी कम है.

कितना खतरनाक है म्यू वेरिएंट?

डेल्टा वेरिएंट के साथ म्यू वेरिएंट की मौजूदगी पर भी नजर रखी जाएगी. WHO ने फिलहाल डेल्टा वेरिएंट के अलावा अल्फा, बीटा और गामा को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ के रूप में दर्ज किया है. म्यू के अलावा, इओटा, कापा और लैम्ब्डा को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में दर्ज किया गया है.

क्या होता है वेरिएंट?

किसी भी वायरस का एक जेनेटिक कोड होता है. यह एक तरह का मैनुअल है, जो वायरस को बताता है कि उसे कब, क्‍या और कैसे करना है. वायरस के जेनेटिक कोड में लगातार छोटे-छोटे बदलाव होते रहते हैं. अधिकतर बदलाव बेअसर होते हैं मगर कुछ बदलाव की वजह से वायरस तेजी से फैलने लगता है या घातक हो जाता है. इसी बदले हुए वायरस को वेरिएंट कहते हैं. यूके और साउथ अफ्रीका वाले कोरोना वेरिएंट को ज्‍यादा संक्रामक और घातक माना जा रहा है.

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फिलहाल म्यू के अत्यधिक संक्रामक होने की कोई जानकारी नहीं है. इसका एक प्रमुख म्यूटेशन E484K है, जो इसे बीटा और गामा वेरिएंट की तरह एंटीबॉडी से लड़ने में मदद करता है. इसमें N501Y म्यूटेशन भी है, जो इसे अधिक संक्रामक बना देता है. इसमें अल्फा वेरिएंट भी मौजूद है.

 

 

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