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राष्ट्रीय

पश्चिम बंगाल में भाजपा को एक और झटका

पश्चिम बंगाल में भाजपा को एक और झटका

पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुमन रॉय ने पार्टी छोड़ दी है और उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है.

तृणमूल कांग्रेस नेता पार्थ चटर्जी ने बताया कि कालियागंज से बीजेपी विधायक सुमन रॉय बंगाल और उत्तर बंगाल के विकास के लिए हमसे जुड़ रहे हैं. वह बंगाल की संस्कृति और विरासत को अक्षुण्ण रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अपने पूर्व सहयोगी को फिर से शामिल करने के लिए पार्टी के महासचिव के रूप में यहां आया हूं.

भवानीपुर सीट के बारे में पार्था चटर्जी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का एक हिस्सा है. हमने भवानीपुर के लिए ममता का नाम बहुत पहले घोषित कर दिया था. ममता बनर्जी रिकॉर्ड अंतर से चुनाव जीतेंगी.

इस बीच उपचुनाव की घोषणा के महज एक घंटे के भीतर ही दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर इलाके में भवानीपुर सीट के लिए ममता बनर्जी की चुनावी पोस्टर लगा दिए गए.

30 सितंबर को होंगे उपचुनाव

इससे पहले चुनाव आयोग ने आज शनिवार को पश्चिम बंगाल की खाली पड़ी विधानसभा सीटों में से तीन और ओडिशा की एक सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराने का ऐलान किया. बंगाल में भवानीपुर, शमशेरगंज और जंगीपुर सीटों पर उपचुनाव होंगे तो वहीं, ओडिशा की पीपली सीट पर भी उपचुनाव कराया जाएगा. इन सीटों पर आज से ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.

उधर, चुनाव आयोग के इस ऐलान के बाद ममता बनर्जी के विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ माना जा रहा है. कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भले ही ममता बनर्जी की पार्टी को जीत मिली हो, लेकिन नंदीग्राम से वह खुद चुनाव हार गई थीं. ममता को टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी के सामने हार का सामना करना पड़ा था.

हालांकि सीएम ममता बनर्जी ने नंदीग्राम सीट पर मिली हार को कोर्ट में चुनौती दी थी. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी. ऐसे में अपनी कुर्सी को बरकरार रखने के लिए उनके पास चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने के लिए 6 महीने का वक्त है. इसके लिए टीएमसी विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर सीट खाली भी कर दी थी. ममता इस सीट से दो बार विधायक भी बन चुकी हैं. अब उपचुनाव से वह फिर से विधानसभा में पहुंच सकती हैं.

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