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अंतर्राष्ट्रीय

चीन की मजबूत इकोनॉमी की निकली हवा

नई दिल्ली: चीन को लेकर बड़ी खबर आ रही है। वहां की बहुत बड़ी कंपनी कंगाली की कागार पर पहुंच गई है। ऐसे में लोग बाते बना रहे है कि चीन की ‘मजबूत इकोनॉमी’ की हवा निकलने लगी है। आखिर ऐसा हुआ क्या है आइए आपको बताते है। दरअसल चीन के दूसरे सबसे बड़े प्रोपर्टी डेव्लेपर एवरग्रांडे समूह ने चीन के हाउसिंग मत्रांलय को सूचित किया है कि उसे जबरदस्त दबाव का सामना करना पड़ रहा है। वह 20 सितंबर की समय सीमा तक अपने ऋण ब्याज पर भुगतान जारी नहीं कर पाएगा।

कंपनी के शेयर की कीमत अबतक 80 फीसदी तक गिर गई है। रिपोर्ट के अनुसार एवरग्रांडे पर 300 बिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज है। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि कंपनी का दिवालियापन चीन की वित्तीय प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा चीन के बाहर के बाजार में भी इसका प्रभाव दिख सकता है।

एवरग्रांडे ने मंगलवार को हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज को एक बयान में कहा कि उसने अपने नकदी संकट को कम करने के लिए समाधान तलाशने के लिए वित्तीय सलाहकारों को नियुक्त किया है। कंपनी ने अपने बयान में चेतावनी दी है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वह अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करेगी। कंपनी की ऐसी स्थिती पर होमबॉयर्स और निवेशकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, एवरग्रांडे को अपने 300 बिलियन डॉलर से अधिक के ऋण पर भुगतान करने के लिए आवश्यक नकदी हासिल करने की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

कंपनी की संपत्ति अपनी मौजूदा संपत्तियों में बंधी रहती है, जिससे उसके पास भुगतान करने और अपनी मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त धन नही है। चीन की अर्थव्यवस्था में पिछले कई वर्षों में जारी तेजी को देखते हुए एवरग्रांडे ने अपने कंपनी का विस्तार करने के लिए ऋण के बाद ऋण लेकर इसे भुनाने की कोशिश की। लेकिन अब कंपनी की उधारी ने जकड़ लिया है, जिसके बाद एवरग्रांडे अब दुनिया के सबसे अधिक कर्जदार संपत्ति डेवलपर के रूप में खड़ा है।

सीएनबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि एवरग्रांडे चीन में 1,300 से अधिक संपत्तियों का मालिक है और लगभग 2,800 रियल एस्टेट परियोजनाओं का प्रबंधन करता है। कंपनी के उपभोक्ता उत्पाद, इलेक्ट्रिक वाहन, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और वीडियो उत्पादन इकाइयों सहित देश के कई प्रमुख क्षेत्रों से संबंध हैं। इसकी पहुंच का मतलब है कि यह अप्रत्यक्ष रूप से हर साल 3.8 मिलियन से अधिक नौकरियों का सृजन करता है, इसकी वेबसाइट के अनुसार यह सीधे तौर पर एवरग्रांडे 200,000 लोगों को रोजगार देता है।

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