Bulandshahr
बसपा नेता गजेंद्र सिंह ने अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र के सारे समीकरण दिये पलट
रालोद में शामिल होकर टिकट पर जमा दी प्रबल दावेदारी, भाजपा को पटखनी दे सकते हैं गजेंद्र
अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र से दो बार बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए बसपा के कद्दावर नेता चौधरी गजेंद्र सिंह ने सोमवार को जोरदार धमाका करते हुए अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बसपा को अलविदा कह रालोद का दामन थाम लिया. रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी मंजे हुए खिलाड़ी के रूप में चौधरी गजेंद्र सिंह को अपने दिल्ली आवास पर पार्टी ज्वाइन कराने में देरी नहीं की. हालांकि जानकर सूत्रों का दावा है कि रालोद में शामिल होने की कयावद रातों रात शुरू नहीं हो गई पिछले दो माह से उच्च स्तर पर वार्ता जारी चली आ रही थी.
उल्लेखनीय तथ्य यह है कि सपा रालोद गठबंधन में भले ही सीटों का बंटवारा अभी नहीं हो सका हो लेकिन यह लगभग तय है कि अनूपशहर विधानसभा सीट रालोद के खाते में जा रही है औपचारिक घोषणा की अभी दरकार है.
अब अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र के समीकरण पलट चुके हैं. अभी तक मामला त्रिकोणीय संघर्ष के रूप में ही ज्यादा नजर आ रहा था. भाजपा को सपा- रालोद गठबंधन प्रत्याशी के साथ साथ बसपा के कद्दावर नेता चौधरी गजेंद्र सिंह के भी पूरे दम खम के साथ मैदान में उतरने की पूरी संभावना साफ नजर आ रही थी, और ऐसी दशा में वोटों का विभाजन बडे़ पैमाने पर होना निश्चित था ही. और वोट विभाजन भाजपा की जीत का प्रबल आंकड़ा साबित होते देर नही लगती.
ऐन वक्त पर चौधरी गजेंद्र सिंह का धोबी पाट भाजपा के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं कहा जा सकता.
चौधरी गजेंद्र सिंह के रालोद का दामन थाम लेने के बाद अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र के समीकरण सभी पार्टियों के लिए गडबडा़ गए हैं.अब संभावना भाजपा के वर्तमान विधायक और चौधरी गजेंद्र सिंह के बीच सीधे मुकाबले की अधिक दिखाई देती नजर आने लगी है. डमी प्रत्याशी तो डमी ही होते हैं. जिनका ज्यादा असर बहराल अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र में तो पड़ता दिखाई नहीं देता. इस क्षेत्र में तो चुनाव भाजपा विपक्ष के संयुक्त उम्मीद वार के बीच ही होने की प्रबल संभावना दिखाई देती नजर आ रही है.ऊंट किस करबट बैठेगा यह बक्त ही बतायेगा.
औरंगाबाद से राजेन्द्र अग्रवाल