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Bulandshahr

भगवत भगवान का वांगमय स्वरूप है ,दशम स्कंध भगवान का हृदय है ,और गोपी गीत भगवान के पांच प्राण हैं,

भगवत भगवान का वांगमय स्वरूप है ,दशम स्कंध भगवान का हृदय है ,और गोपी गीत भगवान के पांच प्राण हैं,

बुलंदशहर :श्री श्याम सखा युवा मंडल के तत्वधान में श्री राज राजेश्वर मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम दिवस के पावन प्रसंग में परम पूज्य श्री कार्ष्णि विजय कृष्ण जी महाराज ने महारास का वर्णन किया । महाराज जी ने बताया संपूर्ण भागवत भगवान का वांगमय स्वरूप है। दशम स्कंध भगवान का हृदय है और गोपी गीत भगवान के पांच प्राण है। महारास कथा भगवान की काम विजय कथा है जो सदेंह रहित होकर महाराज की कथा का श्रद्धा और भाव के साथ श्रवण करता है उसके मन के सभी विकार समाप्त होकर भगवान की भक्ति की प्राप्ति होती है। गोपी उद्धव संवाद के प्रारंभ में पूज्य महाराज श्री ने प्रेम का वर्णन किया। हमारे जीवन में प्रेम का होना बहुत आवश्यक है। प्रेम और भक्ति के द्वारा ही भगवान की प्राप्ति होकर हम जन्म मरण के चक्कर से छूट जाते हैं और हमारा जीवन सफल हो जाता है। रुक्मणी विवाह की कथा का वर्णन करते हुए पूज्य स्वामी जी ने बताया कि रुकमणी ने पति के रूप में भगवान श्री कृष्ण का वरन किया। रुकमणी ने तन, मन, धन से भगवान की शरण ग्रहण की थी। रुकमणी विवाह में सभी भक्त भावविभोर हो गए । दिव्य भजनों के द्वारा सभी ने नृत्य करते हुए आनंद प्राप्त किया।

रुक्मणी विवाह कि मंगल कथा का जो भी श्रवण करता है उसको भगवान की भक्ति की प्राप्ति होती है।

संजय गोयल ने बताया कि कल पूज्य महाराज जी के मुखारविंद से सुदामा चरित ,द्वारका लीला, परीक्षित मोक्ष, संपूर्ण भागवत रहस्य, के बारे में बताया जाएगा ।भक्तों के द्वारा व्यास जी की पूजा की जाएगी।

कथा में मनीष अग्रवाल व सुरभि अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा| पंडित गौरीशंकर भारद्वाज व ज्ञानेश महाराज, गोपाल भैया, हरेंद्र गोयल, अतुल कृष्ण ,दीपेन गांगुली ,विकास अग्रवाल ,संजय गुप्ता ,गौरव पुंज, नितिन सोनी ,सुलभ बंसल, चेतन अग्रवाल ,पंडित रामवीर भारद्वाज, संजीव तायल ,रितेश शर्मा, हर्ष मिश्रा, व सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों श्रोताओं ने मिलकर कथा का आनंद उठाया ।

सह संपादक- संजय गोयल

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