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राष्ट्रीय

क्या हिन्दुत्व शापित है जिसके निमित वेदना नही – दिव्य अग्रवाल

क्या हिन्दुत्व शापित है जिसके निमित वेदना नही - दिव्य अग्रवाल

जब भी गैर इस्लामिक या हिन्दू/शिक्ख आदि की हत्या जिहादियों द्वारा की जाती है तो उस समय भारत के नेताओ की वेदना मर क्यों जाती है । इन हत्याओं को एक ही मानसिकता वाले लोग करते है लेकिन दुर्भाग्य है कि जब धर्म के आधार पर ये हत्याएं होती है तब इन हत्यारो का कोई धर्म ना बताकर इन्हें आतंकवादी घटनाओं का अमलीजामा पहना दिया जाता है । जहाँ भी हिन्दुओ की जनसँख्या का अनुपात सामान्य रूप से घटता जाता है । उस क्षेत्र में जिहाद के नाम पर गैर इस्लामिक लोगो की हत्या , भय ,लूटपाट , पलायन आदि होना निश्चित रूप से देखा जा सकता है ।

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल

जहाँ भी कोई मृत्यु ऐसी हो जिसका राजनीतिक लाभ मिल सके वहां लगभग सभी लोगो का विध्वविलाप प्रायः देखा जा सकता है पर हिन्दुओ या शिक्खो के साथ धर्म के आधार पर हुई बर्बरता पर सारे लोग ध्यान मगन हो जाते हैं। विगत कुछ समय से एक नया षड्यंत्र ओर देखा जा सकता है जिसमे आंदोलनों के नाम पर खालिस्तानियों व जिहादियों का भी गठजोड़ बनाया जा रहा है । जिसका उद्देश्य मात्र राजनीतिक विरोध ही नही अपितु हिंदुत्व विचारधारा का भी विरोध करना है । दूसरी तरफ अब बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटी जिनमे एडमिशन मेरिट लिस्ट आधार पर मिलता है। वहां भी एक खास विचारधारा के लोगो को योजनावध तरीके से प्रवेश दिलाया जा रहा है । बहूत सारे बोर्ड जिनमे ज्यादातर बच्चे किसी एक ही सभ्यता के है उन्हें अपने यहां के बोर्डो से 100 प्रतिशत नम्बरो के साथ पास करके दूसरे बड़े विश्वविधालयो में प्रवेश दिलवाकर वैचारिक/कटरपंथी घुसपैठ करने की भरपूर व सफल प्रयत्न भी निरन्तर रूप से विगत कुछ वर्षों से किए जा रहे हैं ।मतांतरण/धर्मांतरण की घटनाएं भी बहूत बड़े स्तर से चलती आ रही है जिसका खुलासा भी उत्तर प्रदेश ए टी एस निरन्तर कर रही है ।

अतः यदि कश्मीर / बंगाल / केरल जैसी धार्मिक घटनाएं व बर्बरता होती रही तो क्या भारत मे मानवता जीवित रह पाएगी । ये विचारणीय व चिंतनयोग्य विषय है ।

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