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आतंक फैलाने के लिए आतंकियों ने अपनाई नई तकनीक सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चिंता

आतंक फैलाने के लिए आतंकियों ने अपनाई नई तकनीक सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चिंता

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में इन दिनों तनाव का माहौल है. गुरुवार को श्रीनगर में एक स्कूल के प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या कर दी गई. पिछले दो हफ्ते के दौरान घाटी में सात नागरिकों की हत्या की जा चुकी है और इनमें चार अल्पसंख्यक समुदाय से थे. कहा जा रहा है कि इन नागरिकों की हत्या कश्मीर के युवा कर रहे हैं और पाकिस्तान से इन्हें मदद मिल रही है. लेकिन अभी तक ये लोग न तो पुलिस और न ही जांच एजेंसी की रडार पर आए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकी नई तरकीब से लोगों को निशाने बना रहे हैं. लिहाज़ा जांच एजेंसी भी चकमा खा रही है.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने आतंकियों की इस नई तरकीब के बारे में खुलासा किया है. खुफिया सूत्रों के हवाले से अखबार ने लिखा है कि आम नागरिकों की हत्या करने के लिए इन युवाओं को पिस्टल दिए जाते हैं और फिर मिशन को अंजाम देने के बाद इनसे ये हथियार वापस ले लिए जाते हैं. ऐसे में ये हत्यारे बड़े आराम से अपने घर लौट आते हैं. ये लोग जांच एजेंसी की निगरानी में नहीं आ पाते और फिर पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन कहते हैं कि ये हत्याएं खुद वहां के लोग कर रहे हैं और इनमें उनका कोई हाथ नहीं है.

खास रणनीति की जरूरत

एक पुलिस ऑफिसर के मुताबिक आतंकियों के ऐसे मंसूबों को बेनकाब करने के लिए खास रणनीति बनाने की जरूरत है, जिससे कि हथियार की सप्लाई और युवाओं पर नज़र रखी जा सके. कश्मीर में देखा गया है कि किसी भी आतंकी संगठन में शामिल होने वाले लोग एक महीने के अंदर या तो गिरफ्तार कर लिए जाते हैं या फिर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है. बता दें कि एक आंकड़े के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में जनवरी 2021 से 52 स्थानीय आतंकी एक्टिव हैं. इनमें से 20 को मार दिया गया, जबकि 9 को एक महीने के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया गया.

आतंकी कर रहे टारगेट किलिंग

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इस महीने सभी 7 आम नारिकों की हत्या कश्मीर के युवाओं ने ही की है. आतंकी इन्हें हत्या के बदले ड्रग्स और पैसे देते हैं. इस साल अब तक 28 नागरिकों की हत्या हुई है. इनमें से 7 गैर मुस्लिम हैं. इसके अलावा एक कश्मीरी पंडित है. जबकि इस दौरान 21 मुसलमानों को भी निशाना बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक आतंकी इन दिनों टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं. वो हर हत्या के साथ एक मैसेज देना चाहते हैं. और इन हत्याओं की रणनीति पाकिस्तान में बैठे आतंकी बना रहे हैं.

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