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अपराधराष्ट्रीय

दिल्ली में अपने ही घर में हिंदुओं को नहीं करने दी जा रही है पूजा

ना शंख बजेंगे ना घण्टी , बजेंगे पत्थर डंडे, ऐसा क्यों - दिव्य अग्रवाल

दिल्ली:- कालिंदी कुंज थाना क्षेत्र ,मदनपुर खादर एक्सटेंशन, दिल्ली में एक हिन्दू परिवार का आरोप है कि उन्हें अपने ही घर मे पूजा नही करने दी जा रही है । परिवार का कहना है कि यहां पहले हिन्दू मुस्लिम बिल्कुल आपस में एक परिवार की तरह मिश्रित आबादी में रहते थे ।

विगत कुछ वर्षों से मुस्लिम आबादी निरन्तर बढ़ती गयी एवम हिन्दू आबादी घटती गयी । जिसके परिणाम स्वरूप आज हिन्दू परिवार मात्र गिनती भर बचे हैं। परिवार का कहना है कि पिछले दो वर्षों से पड़ोस के दानिश आदि लोग उन्हें बार बार मना करते है कि अपने घर मे शंख , घण्टी मत बजाया करो क्योंकि इससे उनकी नींद खराब होती है ।

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल

इसी बात को लेकर बीती 19 अक्टूबर को दानिश व उनके समुदाय के लोग उनके घर मे घुस गए ओर परिवार वालो को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि यहाँ किसी भी तरह की घण्टी , पूजा आदि की आवाज नही आनी चाहिए । अब प्रश्न यह उठता है जब मज्जिदो से बड़े बड़े लाउडस्पीकर से पांच वक्त की नमाज की जाती तो क्या सार्वजनिक रूप से लोगो की नींद खराब नही होती , क्या तब ध्वनि प्रदूषण नही होता । इस विषय का संज्ञान विश्व हिन्दू परिषद की इकाई ने भी लिया है । दूसरी घटना सीलमपुर की है जब पाकिस्तान की जीतने की खुशी में पटाखे फोड़ रहे क्षेत्रीय लोगो का विरोध एक हिन्दू परिवार ने मात्र इसलिए किया । क्योंकि उस परिवार के छोटे बच्चे व महिलाएं बाहर सो रहे थे । मात्र इतनी सी बात पर उस हिन्दू परिवार पर पत्थर लाठी आदि से प्रहार किया गया । क्या अब देश मे देश विरोधी घटनाओ का विरोध भी नही किया जा सकता । इन दोनों प्रकरण को देखते हुए तो लगता है कि जहां भी हिन्दू जनसँख्या घट रही है । ना वहाँ घण्टी बजेगी ना शंख ओर यदि बाकी लोगो को बुरा लगा तो बजेगा पत्थर , लठ ओर दन्ड । अब मानवाधिकार वाले , प्रदूषण वाले , बुद्धजीवी , समाज के सहिष्णु लोग कहाँ चले गए क्या हिन्दुओ के दर्द , पीड़ा , शोषण , अत्याचार का कोई मोल नही । क्या हिन्दू सभ्यता इसलिए अछूत है कि कहीं वोट बैंक वाला समुदाय नाराज ना हो जाए । जिस देश मे कटरपंथी मानसिकता के कारण दूसरे धर्म के लोगो को सताया जा रहा हो , देश विरोधी क्रियाएं की जा रही हों। उस देश मे किस गंगा जमुना तहजीब की बात की जा सकती है । ये घटनाएं पूरी मानवता के लिए चिंताजनक है जिन पर कोई सकारात्मक कारीवाहि व निर्णय लेने की आवश्यकता है ।

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