राष्ट्रीयसाहित्य उपवन
क्या NCERT पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव आवश्यक है
क्या NCERT पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव आवश्यक है-दिव्य अग्रवाल
NCERT पाठ्यक्रम में वामपंथी व विदेशी आक्रांताओं की विचारधारा का महिमामंडन नही होना चाहिए । NCERT पाठ्यक्रम को भारत मे सबसे ज्यादा पढा जाता है । केंद्र व प्रदेश शासित लगभग सभी सरकारी स्कूलों में NCERT के पाठ्यक्रम को ही पढ़ाया जाता है । अतः इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि देश की बहूत बड़ी आबादी इसी पाठ्क्रम को पढ़ती है । NCERT पाठ्यक्रम में पाँचवी कक्षा तक अकबर , औरंगजेब आदि के बारे में काफी कुछ पढ़ा दिया जाता है परन्तु छत्रपति शिवाजी महाराज , महाराणा प्रताप , राणा सांगा आदि महान योद्धाओं के बारे में कोई जानकारी नही दी जाती है । छोटे बच्चो का मस्तिस्क बहूत ही कोमल व तेज होता है ।
बच्चे जो कुछ भी बचपन मे सीखते हैं उस विचार को कभी भी भुलाया या बदला नही जा सकता है । अतः हिंदुस्तान की अस्मिता को जीवित रखने के लिए जिन महापुरुषों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया उनकी गाथा को NCERT पाठ्यक्रम में अवश्य जोड़ना चाहिए । वीर सावरकर , श्रद्धानंद जी , दयानंद सरस्वती जी , स्वामी विवेकानन्द जी जैसे अनेकों महापुरूषों की जीवनी व आदर्शों को देश के बच्चो को अवश्य पढ़ाना चाहिए । अभी हाल ही में NCERT ने कुछ मैन्युअल जारी किया था जो निश्चित ही भारतीय संस्कृति व परम्परा के विरुद्ध था जिसको अब बेबसाइट से हटा भी दिया है । बच्चो की एक पुस्तक में एक फोटो दिया गया है जिसमे ये बताया गया है कि कोरोना काल मे अभिवादन कैसे करना है जिसमे नमस्ते को तीसरे स्थान पर दर्शाया गया है जबकि पूरे विश्व ने भारतीय संस्कृति के प्रतीक नमस्ते अभिवादन को ही सर्वप्रथम एवम सर्वमान्य रूप से अपनाया है ।
हम भारतीयों को गर्व होना चाहिए कि हमारी संस्कृति व परम्पराओ को पूरा विश्व स्वीकार करता है । अतः भारतीय पाठ्क्रम में भी भारतीय मूल्यों , आदर्शों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देकर बच्चो को शिक्षित करना चाहिए ।