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राष्ट्रीय

कुंडा में क्यों पूजे जाते हैं राजा भैया-दिव्य अग्रवाल

कुंडा में क्यों पूजे जाते हैं राजा भैया-दिव्य अग्रवाल

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के नाम को उत्तर प्रदेश में लगभग सभी जानते हैं । राजा भैया पिछले कई वर्षों से निर्दलीय विधायक रहकर ओर वर्तमान में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी का गठन करके सक्रिय राजनीति कर रहे हैं । परन्तु राजनेता के अतिरिक्त राजा भैया का एक व्यक्तित्व ओर भी है । राजा भैया व्यक्तिगत तौर पर प्रतिवर्ष सैकड़ो कन्याओं का विवाह पूरे मान सम्मान से करवाते हैं । इस सामाजिक कार्य को करते हुए राजा भैया को 20 वर्ष से भी ज्यादा समय हो गया है । इस कार्य मे किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नही ली जाती है अपितु राजा भैया स्वम एवम अपने स्नेहियों के साथ मिलकर ये कार्य इतने वर्षों से निरन्तर करते आ रहे हैं । विवाह का आयोजन भी ऐसा होता है कि कन्या के माता पिता भी ये कहते हुए नजर आते है कि यदि हम भी अपनी कन्या का विवाह स्वम करते तब भी इतनी भव्यता से शायद नही कर पाते ।

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल

विवाह के आयोजन की भव्यता किसी बड़े मेले से कम नही होती ।प्रत्येक दूल्हे की बारात , घुड़चढ़ी होने के साथ साथ प्रत्येक कन्या को सम्पूर्ण उपहारों व पूरे क्षेत्र को भोज आदि कराकर कन्या को विदा किया जाता है । यदि विवाह के पश्चात भी नव विवाहित दम्पति को किसी तरह की पारिवारिक समस्या आती है तो उसका निस्तारण भी राजा भैया द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर त्वरित किया जाता है । इसके अतिरिक्त परम् पूजनीय देवराहा बाबा की स्मृति में भी राजा भैया द्वारा प्रतिवर्ष क्षेत्र के हजारों लोगों का नेत्र उपचार , सर्जरी ,आदि की व्यवस्था निजी खर्चे व सहयोगियों के साथ मिलकर की जाती है । इस आयोजन में भी हजारों वृद्ध लोगो की सर्जरी होती है एवम देवराहा बाबा की ये कृपा मानी जाती है जिसके फलस्वरूप सभी मरीजो की सर्जरी पूर्णरूप से सफल होती हैं । प्रश्न यह है कि बिना किसी सरकारी सहयोग के एक व्यक्ति इतने वर्षों से समाज व प्रदेश की सेवा किस तरह कर सकता है अन्य लोगो के लिए ये बहूत ही प्रेरणीय कार्य है । जिसकी जानकारी आम जनमानस को भी होनी आवश्यक है । यदि प्रतापगढ़ में जाकर वास्तविक रूप से देखा जाए तो वहाँ की जनता रघुराज प्रताप सिंह जी को एक नेता के रूप में नही अपितु राजा , महाराज, श्रीमंत सरकार के रूप में स्वीकार करके पूजती है । लोगो के मन मे आदर भाव इतना कि यदि जनता दरबार मे भीड़ हो तो लोग जहाँ खड़े हैं वही की धरती को स्पर्श कर राजा भैया के चरण वंदन करते हैं । ये सब जानकर देखकर ये कहने में कतई भी कौताही नही बरती जा सकती कि राजा भैया मानवता व धर्म के प्रति पूर्णरूप से समर्पित हैं।

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