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जेवर एयरपोर्ट को क्यों कहा जा रहा है एशिया का नंबर 1 एयरपोर्ट, जाने

जेवर एयरपोर्ट को क्यों कहा जा रहा है एशिया का नंबर 1 एयरपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट की नींव रख दी है. केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का दावा है कि यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. अभी तक केवल आपको ये सुनने या पढ़ने को मिल रहा होगा कि Noida International Airport एशिया का सबसे होगा, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्यों इसे एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट कहा जा रहा है?

Noida International Airport: सबसे पहले आपको बता दें कि जेवर एयरपोर्ट 1,300 हेक्टेयर में फैला होगा. अभी भारत में सबसे बड़ा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है. जेवर हवाईअड्डा दिल्ली-NCR में बनने वाला दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा होगा. जेवर एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जिसमें मल्टी-मॉडल कार्गो हब की तरह बनाया गया है. यह भारत का पहला नेट-जीरो उत्सर्जन वाला एयरपोर्ट होगा.

क्यों कहा जा रहा एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट?

जेवर एयरपोर्ट पर शुरुआत में 2 रनवे बनाया जाएगा. लेकिन इसे बढ़ाकर 6 रनवे किया जाएगा, जो कि एक साथ ऑपरेट होगा. जब सभी 6 रनवे बनकर तैयार हो जाएंगे तो फिर जेवर एयरपोर्ट यानी Noida International Airport भारत ही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा. यही नहीं, जेवर एयरपोर्ट दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक होगा. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर 3 रनवे हैं.

हर सुविधा से लैस

सरकार का लक्ष्य है कि साल 2024 से जेवर एयरपोर्ट शुरू हो जाए, यानी 36 महीने के बाद लोग जेवर एयरपोर्ट से उड़ान भर सकेंगे. लेकिन इसके विस्तार पर काम आगे भी चलता रहेगा. इस एयरपोर्ट पर बनने वाले कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी. इसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन तक किया जाएगा. जेवर का ये एयरपोर्ट एकदम हाईटेक होगा. हर सुविधा से लैस, विकास का सबसे बड़ा मॉडल. यहां एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे.

2050 तक 7 करोड़ यात्री सालाना करेंगे सफर

जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में 10,050 करोड़ रुपये का लागत आएगा. कहा जा रहा है कि इस एयरपोर्ट की वजह से करीब 35000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इस एयरपोर्ट के पहले चरण में सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की क्षमता होगी. जबकि 2040-50 के बीच जेवर हवाईअड्डा सालाना 7 करोड़ यात्रियों को संभालेगा.

अनुमान लगाया जा रहा है कि जेवर एयरपोर्ट के बनने से 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. जेवर एयरपोर्ट में सालाना करीब 7 करोड़ यात्रियों की क्षमता होगी. इसमें 186 एयरपोर्ट स्टैंड होंगे. जेवर एयरपोर्ट 51 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा. नोएडा एयरपोर्ट के शुरू होने से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दबाव कम होगा.

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