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Bulandshahr

चिकित्सक की लापरवाही से मासूम की जान पड़ी  खतरे में

भर्ती करके दो घंटे तक नहीं ली सुध, परिजनों ने बुलंदशहर आई सी यू में कराया भर्ती शिकायत दर्ज कराई मुख्यमंत्री तक

औरंगाबाद( बुलंदशहर) औरंगाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ख्वाजपुर निवासी मुकेश पुत्र नौ सिंह का दस माह के पुत्र रितिक की तबीयत 5 मई की देर रात अचानक खराब हो गई। परिजन उसे तत्काल पवसरा रोड़ स्थित आकाश क्लिनिक पर इलाज कराने पहुंचे। वहां स्टाफ ने उसे भर्ती कर लिया लेकिन दो घंटे तक इंतजार कराने पर भी किसी ने बच्चे का इलाज शुरू ही नहीं किया। परिजनों ने ऐतराज जताया और बच्चे का इलाज शुरू करने की गुहार लगाई तो डाक्टर अरविंद कुमार नस्कर ने मुकेश के मामा को धक्का देकर बाहर निकाल दिया और बच्चे को बिना किसी उपचार किए अस्पताल से ले जाने का फरमान सुना दिया। मुकेश ने चिकित्सक के रवैए से क्षुब्ध होकर पुलिस को काल की। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन चिकित्सक क्लीनिक से रफूचक्कर हो गया।

परिजन बच्चे को जिला मुख्यालय स्थित मातृछाया अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर देख आई सी यू में भर्ती कर उपचार शुरू किया। चिकित्सक ने बताया कि उपचार में हुई देरी के चलते बच्चे का इनफैक्शन बहुत बढ़ गया है । थोड़ा और विलंब हुआ होता तो बच्चे की जान भी जा सकती थी।

पीड़ित बच्चे के पिता मुकेश ने थाना प्रभारी, जिलाधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर चिकित्सक को झोलाछाप डॉक्टर बताते हुए चिकित्सक की डिग्री की जांच पड़ताल करके कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

दूसरी ओर चिकित्सक फरार बताया जा रहा है जबकि उसका क्लीनिक धड़ल्ले से चलाया जा रहा है,

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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