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एक रूपया व एक ईट

एक रूपया व एक ईट:- अग्र -वैश्य समाज की गौरव गाथा , भाग 20

42 उपजातियों की सूची
  1.  अग्रवाल
  2. राजवंशी
  3. बरनवाल
  4. चुरूवाल
  5. श्रीमाल
  6. श्रावक
  7. माहेश्वरी
  8. खण्डेलवाल
  9. वीजावर्गीय
  10. ओसवाल
  11. नागर
  12. बारह सैनी।
  13. चौसेनी
  14. माहौर
  15. माथुर
  16. रस्तौगी
  17. गहोई
  18. गुजराती
  19. कदीमी अग्रवाल
  20. गिंदौड़िया
  21. धाकड़
  22. मेड़तवाल
  23. पुरूवाल
  24. कोलवार
  25. भगेरवाल
  26. जांगडै
  27. अटोड़े
  28. मोढ
  29. पालीवाल
  30. जैनी
  31. पोकरे
  32.  लोहानिया
  33. कुमार तनय
  34. टौकवाल
  35. पुरूवाल
  36. नेमे
  37. पदमावती
  38. नरीसिंह पुरे जैनी
  39. दसौरे
  40. खटौरे
  41. डीडू
  42. पोरवाल

आइने अकबरी में वैश्य जाति के 84 उपवर्ग लिखे हुए हैं अर्थात् अकबर के समय तक वैश्य जाति की 84 उपजातियाँ बन चुकी थी। अखिल भारतीय वैश्य महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रेमशंकर गर्ग द्वारा वैश्य जाति की 380 की सूची हमें उपलब्ध कराई गयी। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत की कुछ उपजातियाँ इसमें और सम्मिलित हो सकती है। जिसके बाद यह संख्या 390 तक पहुँच जायेगी। सम्पूर्ण भारत वर्ष में वैश्य जाति की कुछ उपजातियाँ अभी हमे अज्ञात है। अत: यह संख्या 400 तक भी पहुँच सकती है। इस विषय में अभी भी हमारी खोज जारी है। अतः अभी हम श्री प्रेमशंकर गर्ग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार 380 उपजातियों की सूची यहाँ पर प्रस्तुत कर रहे है

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