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उत्तर प्रदेशराष्ट्रीय

संजय नगर गाजियाबाद की घटना का गहन व सही मंथन अति आवश्यक है

गाजियाबाद में  03 मई को एक घटना हुई जिस सम्बन्ध में रविंद्र सिंह पुत्र नत्थी सिंह निवासी F- 381,सैक्टर-23,संजय नगर ने मधुबन बापूधाम थाने में एक तहरीर दी है। जिसमे उन्होंने कहा है की रात्रि 9 बजकर 45 मिनट पर वसीम पुत्र रफीक निवासी रहीसपुर 10-12 लोगो के साथ अल्लाह हु अकबर के नारे लगाते हुए आए एवं जान से मारने की नियत से सरिया आदि से उनके व् उनके परिवार पर हमला कर दिया। जिस पर कालोनी के लोग इकट्ठा हुए परन्तु डर की वजह से घर में छुप गए। इस घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस प्रशासन ने भी कार्यवाही करते हुए धारा 307, 148 , 147 में अपराधियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया । अब इस प्रकरण में कुछ सामाजिक स्थिति भी अवश्य समझनी चाहिए दिनांक 03.05.2022 में मुस्लिम समाज का ईद का त्यौहार था। जिसमे गाजियाबाद के कुछ संभ्रांत व्यक्ति , जनप्रतिनधि , हिन्दू समाज के नेताओ ने भाईचारा बनाने हेतु संजय नगर में मुस्लिम समाज के कुछ

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल(राष्ट्रवादी लेखक व विचारक, गाजियाबाद)

प्रभावशाली व्यक्तियों के निवास स्थान जाकर ईद का त्यौहार मनाया। परन्तु रात्रि में उसी संजय नगर में हुई इस घटना ने आपसी भाईचारे को धता साबित कर दिया। कुछ समाचार पत्रों में एक समाचार लिखा गया की संजय नगर में रहने वाले दो सम्प्रदायों के युवक आपस में भीड़ गए एवं दोनों पक्षों ने एक दूसरे के विरुद्ध मुकदमे लिखवा दिए । इसी प्रकरण में हिंडन विहार स्थित बालाजी मंदिर के महंत बाबा मछेन्दरपुरी के विरुद्ध भी विवादित ब्यान देने हेतु पुलिस प्रसाशन द्वारा वैधानिक कार्यवाही होगी इस प्रकार की खबर भी प्रिंट मीडिया में छापी गयी । इस प्रकरण में विचारणीय विषय यह है की आरोपितों का निवास स्थान वहां नहीं है, जहाँ पर यह घटना हुई अपितु पीड़ित रविंद्र सिंह का निवास स्थान वही पर स्थित है जहाँ यह घटना हुई । रविंद्र सिंह का कहना है की रात्रि का भोजन करकर वो अपने घर के समक्ष सड़क पर टहल रहे थे। तभी कुछ युवक जो की मुस्लिम समुदाय से संबंध रखते हैं, धार्मिक नारे लगाते हुए आए एवं रविंद्र सिंह के साथ मारपीट शुरू कर दी । जिस पर आत्मरक्षार्थ हेतु परिवार के लोग भी घर से बहार आ गए । परिवार के लोगो व् महिलाओ के साथ भी मारपीट की गयी । यदि यह सत्य है तो प्रथम विषय यह है कि जो व्यक्ति अपने घर के समक्ष खड़ा है टहल रहा है उस व्यक्ति पर बाहरी व्यक्तियों द्वारा रात्रि 9.30 बजे धार्मिक नारो के साथ हमला बोल दिया जाए , तो यह घटना वहां पर रहने वालों की आपसी भिड़ंत कैसे हुई । दूसरी बात पीड़ित व्यक्ति की आयु 40 वर्ष है जिसके पुरे परिवार के साथ मारपीट की गयी है, इस स्थिति में यह युवको की आपसी भिड़ंत कैसे हुई । अतः इस घटना को कुछ प्रिंट मिडिया द्वारा जिस तरह प्रसारित किया जा रहा है यही भी कहीं न कही संदेहजनक है। जब पीड़ित के ही विरुद्ध आरोपितों द्वारा मुकदमा लिखवाने का प्रयास किया जाएगा तो निश्चित ही समाज के संभ्रांत व् समाजिक चिंता रखने वाले व्यक्ति सत्य की आवाज को बुलंद करंगे इसमें कोई संदेह नही है। परन्तु ऐसी आवाज को क्यों विवादास्पद घोषित किया जा रहा है यह भी विचारणीय है । यदि बाबा मछेन्दरपुरी की बात की जाए तो बाबा घटना की सूचना मिलते ही पीड़ित परिवार के कुशलक्षेम हेतु पहुंचे परन्तु उस परिवार की सुरक्षा हेतु दिए गए बयानों को विवादास्पद बयान कहा गया । सपा , बसपा सरकारों में बाबा मछेन्दरपुरी को हिन्दू समाज की बात रखने पर सदैव जिहादी मानसिकता व् मजहबी कटटरवादिता वाले लोगो अपना निशाना बनाने की कोशिश करते रहे हैं। सपा सरकार का एक कालखंड ऐसा भी था । जिसमे कटटरपंथियो ने श्रीबाला जी मंदिर व् बाबा पर पूरी भीड़ के साथ हमला बोल दिया था । आज यह योगी जी महाराज की सरकार की सफलता व उपलब्धता है की हिंडन विहार स्थित श्रीबाला जी मंदिर व् बाबा मछेन्दरपुरी सुरक्षित हैं । परन्तु यह भी सत्य है की हिन्दू समाज व् धर्म संरक्षण हेतु आवाज उठाने पर बाबा मछेन्दरपुरी को यह समाज विवादास्पद बाबा घोषित करने में भी क्षण भर के लिए भी कौताही नहीं बरतता । यह सभ्य समाज का कैसा दुर्भाग्य है। मानवता व् राष्ट्र उत्थान हेतु सदैव प्रयत्नशील व् समर्पित होने के पश्चात भी उसी सभ्य समाज का उत्पीड़न कुछ लोगो द्वारा नित किया जाता है। यदि मानवता संरक्षण हेतु सत्य बोलने वाले लोगो को विवादित घोषित किया जाता रहा तो सत्य मार्ग पर चलने वाले लोगो का साहस व् सामर्थ्य दोनों खंड खंड होकर बिखर जाएगा ।

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