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उत्तर प्रदेशनोएडा

BIG BREAKING हाईकोर्ट का आदेश- रितु महेश्वरी को कस्टडी में ले पुलिस, गौतमबुद्ध नगर के सीजेएम को भेजा गिरफ्तारी वारंट

BIG BREAKING : हाईकोर्ट का आदेश- रितु महेश्वरी को पुलिस कस्टडी में लेकर आइये, गौतमबुद्ध नगर के सीजेएम को भेजा गिरफ्तारी वारंट

नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी  के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने उपस्थित ना होना भारी पड़ गया है। एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रितु महेश्वरी को पुलिस कस्टडी में लेकर अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को आदेश का अनुपालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा हारने के बावजूद नोएडा विकास प्राधिकरण ने अदालती आदेशों का पालन नहीं किया। जिसके खिलाफ किसान की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई थी। इस पर प्रयागराज उच्च न्यायालय ने रितु महेश्वरी को खुद अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया था।

मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई तो महेश्वरी हाजिर नहीं हुईं। इस पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए सीईओ के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी किया है।

क्या है मामला

नोएडा के सेक्टर-82 में अथॉरिटी ने 30 नवंबर 1989 और 16 जून 1990 को ‘अर्जेंसी क्लोज’ के तहत भूमि अधिग्रहण किया था। जिसे जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी। वर्ष 1990 में दायर मनोरमा की याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2016 को फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने ‘अर्जेंसी क्लॉज’ के तहत किए गए भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया था। मनोरमा कुछल को नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत सर्किल रेट से दोगुनी दरों पर मुआवजा देने का आदेश दिया था। इसके अलावा प्रत्येक याचिका पर 5-5 लाख रुपये का खर्च आंकते हुए भरपाई करने का आदेश प्राधिकरण को सुनाया था।

अथॉरिटी सुप्रीम कोर्ट में भी हार गई इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट में भी अथॉरिटी मुकदमा हार गई। इसके बावजूद इलाहाबाद हाईकोर्ट के पुराने आदेश का पालन नहीं किया। लिहाजा, मनोरमा कुच्छल ने नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर दी। इस अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए 27 अप्रैल 2022 को अदालत ने आदेश पारित किए।

4 मई की सुनवाई में हाजिर नहीं हुईं सीईओ रितु महेश्वरी को हाईकोर्ट ने 4 मई की सुनवाई में हाजिर रहने का आदेश दिया था। अदालत ने विगत 28 अप्रैल को सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई 4 मई को होगी। उस दिन नोएडा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी खुद अदालत में मौजूद रहेंगी। दरअसल, 28 अप्रैल को हुई सुनवाई के दिन भी रितु महेश्वरी अदालत में हाजिर नहीं हुई थीं। अब जब गुरुवार को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो नोएडा अथॉरिटी के वकील रविंद्र श्रीवास्तव अदालत में मौजूद थे।

रितु ने दिल्ली से 10:30 बजे की फ्लाइट ली

नोएडा अथॉरिटी के वकील रविंद्र श्रीवास्तव ने न्यायालय को बताया कि रितु महेश्वरी हवाई जहाज से आ रही हैं। उनकी फ्लाइट 10:30 बजे दिल्ली से उड़ान भरेगी। अदालत ने कहा कि उन्हें 10:00 बजे न्यायालय में हाजिर हो जाना चाहिए था। यह नोएडा की सीईओ का अनुचित कामकाज और व्यवहार है। यह अदालत की अवमानना के दायरे में आता है। उनके खिलाफ अवमानना प्रक्रिया शुरू करने का अदालत ने आदेश दिया।

 

याची के साथ अन्याय हुआ है: कोर्ट

जस्टिस सरल श्रीवास्तव की अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “नोएडा अथॉरिटी ने वर्ष 1990 में याची की जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के लिए उचित प्रक्रिया और कानून का पालन नहीं किया गया। प्राधिकरण ने तभी याची की जमीन को अपने कब्जे में ले लिया था। उस पर निर्माण भी कर दिया गया है। यह पूरी तरह अवैध गतिविधियां हैं। याची को उसकी जमीन का उचित मुआवजा दिए बिना संपत्ति में बदलाव कर देना अवैधानिक है। यह उनके साथ अन्याय हुआ है।”

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