Bulandshahrअपराध
डी एम के हस्तक्षेप पर रिपोर्ट दर्ज, हमलावरों की गिरफ्तारी कब होगी? पता नहीं
औरंगाबाद पुलिस की कार्य प्रणाली संदेह के दायरे में है। लखावटी में पशु चिकित्सक वो भी सरकारी और ड्यूटी पर तैनात के दफ्तर में कुछ लोग जबरन घुस कर ना केवल डाक्टर के साथ मारपीट करते हैं बल्कि सरकारी कागजात भी फाड़ देते हैं। डाक्टर का सिर्फ इतना दोष था कि वो नियम विरुद्ध कृत्य को रोकने का असफल प्रयास करता है।
अपमानित और पिटाई का शिकार चिकित्सक पुलिस से मदद की गुहार लगाता है तो उसकी कोई सुनवाई नहीं होती है। यहां प्रश्न यह है कि जब एक सरकारी चिकित्सक के प्रति पुलिस का यह रवैया है तो आम आदमी जिसका कोई पुरसाहाल ही नहीं है उसके साथ कैसा सलूक होता होगा?
चिकित्सक संघों ने ज्ञापन देकर जिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई तो जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से पुलिस ने दो नामजदों सहित पांच आरोपियों के खिलाफ संगीत धाराओं में मुकदमा दर्ज तो कर लिया लेकिन गिरफ्तारी अधर में लटकी हुई है। गिरफ्तारी कब होगी? होगी भी अथवा नहीं यह सिर्फ औरंगाबाद पुलिस जानती है अथवा भगवान.
औरंगाबाद से राजेन्द्र अग्रवाल