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भाजपा नेता ने देश का माहौल खराब करने वाले राष्ट्रविरोधी एवं उनके संरक्षकों को दी स्पष्ट चेतावनी

भाजपा नेता सत्येंद्र सिंह राघव ने देश का माहौल खराब करने वाले राष्ट्रविरोधी एवं उनके संरक्षकों को दी स्पष्ट चेतावनी

नई दिल्ली:- भाजपा नेता एवं राष्ट्रीय क्षत्रिय महासेना भारत (संगठन) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सत्येंद्र सिंह राघव ने कहा कि ज्ञानवापी हो, ताजमहल हो, कोई भी राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर जोकि मुगल आक्रांताओं द्वारा बलपूर्वक उस कालखंड में खंडित करके कब्जा ली गई थी, जिसको आज भारतीय मूल संस्कृति सनातन में वापस लाना भारत सरकार एवं प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात होना चाहिए ।

चंद देशद्रोही तत्वों एवं उनके संरक्षकों के लिए मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का नवभारत है- जो प्रत्येक दशा एवं दिशा में पूर्णता सक्षम एवं संपन्न है इसलिए राष्ट्र-विरोधी मानसिकता को जितना जल्दी हो सके अपने मस्तिष्क से निकाल दें, अन्यथा प्रत्येक भारतीय नागरिक राष्ट्र-प्रेम में अग्रिम पंक्ति में खड़ा है, जिसके धैर्य की सीमा समाप्त हो चुकी है।

साथ ही मैं भारत सरकार से भी अनुरोध करूंगा कि कश्मीर में राहुल भट्ट हत्या प्रकरण में 10 करोड़ रूपये का मुआवजा उस पीड़ित परिवार के लिए दिया जाना चाहिए तथा ऐसे देशभक्त जो भारत की मूल संस्कृति के रक्षार्थ कार्य कर रहे हैं, उनको उच्च-स्तर की सुरक्षा प्रदान करवाई जाए।

आज संपूर्ण भारत का हिंदू समाज वर्तमान में हो रही इस प्रकार की आतंकी घटनाओं का सामना करने एवं उनकी समझ वाली भाषा में उत्तर देने के लिए तत्पर है ।

मुगलकाल में जिन मंदिरों, (भारतीय मूल संस्कृति सनातन) स्थलों एवं आस्था के प्रतीकों को नष्ट-भ्रष्ट करके मुगलिया छाप बनाया गया था, आज उनके प्राचीन व वास्तविक स्वरूप में राष्ट्र की धरोहर को शुद्धीकरण करके भारतीय मूल संस्कृति में वापस करने का कार्य हो रहा हैं इसमें किसी भी समुदाय विशेष को आपत्ति ही असंवैधानिक होनी चाहिए।

भारतीय मूल की बलपूर्वक कब्जा की गई सम्पत्ति स्थलों, भवनों, मंदिर इत्यादि को आज स्वतंत्र भारत में उनकी वास्तविक पहचान मिलना कैसे गलत हो सकता है?इसकी जांच का आदेश न्यायालय को देना चाहिए, जांच होनी चाहिए जिसमें- भारतीय मूल की सभी संपत्ति भवन, मंदिर, आस्था प्रतीक स्थल इत्यादि को उनके वास्तविक स्वरूप में पुनः स्थापित करके मुगलिया छाप जोकि भारत की स्वतंत्रता पर आज भी उपहास जैसा अनुभव कर रही है को राष्ट्रहित में समाप्त किया जा सके।

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