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राष्ट्रीय

राष्ट्र उत्थान व सत्यता हेतु सभी धर्म एवं मजहबों का शास्त्रार्थ होना अति आवश्यक

राष्ट्र उत्थान व सत्यता हेतु सभी धर्म एवं मजहबों का शास्त्रार्थ होना अति आवश्यक -दिव्य अग्रवाल  

नूपुर शर्मा के वक्तव्य को लेकर भारत के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ईशनिंदा का आरोप लगाया जा रहा है परन्तु यदि नूपुर शर्मा के वक्तव्य को बिना किसी तुष्टिकरण के गंभीरता पूर्वक सुना जाए तो प्रतीत होता है की नूपुर शर्मा ने मुस्लिम समाज की धार्मिक पुस्तक में लिखित किसी आयत या पंक्ति का उल्लेख किया है। अतः नूपुर शर्मा ने ईशनिंदा की है

या मात्र उस सत्य को कहा जो पुस्तक में पूर्व लिखित है इसकी प्रमाणिकता तो शास्त्रार्थ करके , खुले मन  से चर्चा करके या संवैधानिक रूप से संवाद करके ही की जा सकती है । यदि आंकलन किया जाए  तत

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल(राष्ट्रवादी लेखक व विचारक, गाजियाबाद)

सनातन धर्म व सनातन धर्म के देवी देवताओं के प्रति मुस्लिम स्कॉलर व मौलाना बहुत ही अभद्र शब्दों का उपयोग बहुत ही सहजता के साथ निसंकोच ही कर देते हैं। जिससे हिन्दू धर्म के अनुयायियों का हृदय द्रवित होने के पश्चात भी संविधान में विश्वास रखते हुए हिन्दू समाज किसी भी अप्रिय घटना के बारे में सोचता तक नहीं है। परन्तु इस तरह कब तक चलता रहेगा इस पर विचार करना होगा ,धर्म एक अति संवेदनशील विषय है जिस पर समय समय पर तर्कसंगत चर्चा व शास्त्रार्थ करके उत्तम विचारों का प्रचार एवं कुरीतियों पर प्रतिबंध लगना अति आवश्यक है। यदि कोई भी धर्म या मजहब प्रतिनिधि शास्त्रार्थ न करके मात्र कटटरवादिता के विचार को  प्रस्तुत करना चाहते हैं तो इसका सन्देश स्पष्ट है या तो ऐसे प्रतिनिधि अपने अनुयायियों को मजहबी उन्मादी बनाकर मानवता व सभ्य समाज का दोहन करना चाहते हैं या वो जानते हैं की जो कथन नूपुर शर्मा आदि द्वारा कहे जा रहे हैं उनमें कुछ न कुछ सत्यता अवश्य है। अतः इस राष्ट्र को यदि किसी भी कटटरवादी सोच से संरक्षित करना है तो सभी धर्म गुरुओ का धार्मिक शास्त्रार्थ होना आवश्यक है। जिससे युवा पीढ़ी को सत्य व् स्पष्ट ज्ञान प्राप्त हो सके एवं युवा पीढ़ी किसी भी तरह भ्रमित न होकर अपने परिवार व् राष्ट्र के विकास हेतु प्रयत्नशील रह सके। यदि इस सकारात्मक पहल को शुरू नहीं किया गया तो निश्चित ही भविष्य में वैमनस्ता इतना विकराल रूप ले सकती है जिसके समक्ष देश की प्रत्येक संस्था व व्यवस्था अपंग साबित हो जायेगी ओर  कोई भी धर्म गुरु , राजनीतिक दल एवं कोई भी प्रवक्ता सत्य बोलने का साहस तक नहीं कर पायेगा।

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