[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
बलिया

जिले में 56 पशु अस्पताल और डाक्टर मात्र 24 ऐसा क्यों

चितबडागाव( बलिया):- क्षेत्र पंचायत सोहाव के तीन पशु अस्पताल एक डाक्टर के भरोसे चल रहा है। और वह भी बिना दवा के। दुधारू पशुओं को गर्भाधान के लिए झोला छाप डाक्टरों की ही मदद लेनी पड़ती है पशुपालकों को।

जानकारी के अनुसार क्षेत्र के नरही चितबडागाव व नसीरपुर में तीन पशु अस्पताल है। जिसके अंतर्गत सैकड़ों गांव के हजारों दुधारू पशुओं का इलाज होना है। जो केवल एक डाक्टर के भरोसे चल रहा है। बताया जाता है कि नरही अस्पताल पर पोस्ट डाक्टर चक्रवर्ती को अतिरिक्त प्रभार चितबडागाव अस्पताल का मिला हुआ है। इन तीनों अस्पतालों पर रैबीज व गर्भाधान के लिए सिमेन तक नहीं है। क्षेत्र के अच्छे किस्म के दुधारू पशुओं के पशुपालक अपने पालतू पशुओं को गर्भाधान के लिए झोला छाप डाक्टरों को मनमाने पैसे देने को मजबूर हैं। क्षेत्र के पशुपालकों का कहना है कि सरकार की उदासीनता व डाक्टरों के मनमाने रवैया के कारण अच्छी किस्म के महंगे पशुओं को पालने में डर बना रहता है।

रिपोर्ट- संजय राय

Show More

Related Articles

Close