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Bulandshahrस्वास्थ्य

एमएनसीयू संचालन के लिए स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण

  •  सीएमओ कार्यालय सभागार में दिया जा रहा है प्रशिक्षण
  •  कार्यशाला में नवजात शिशु को स्तनपान और केएमसी के फायदे बताए गए

बुलंदशहर:- जनपद में नवनिर्मित मदर न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) के संचालन के लिए 86 स्टाफ नर्सों के लिए चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान एमएनसीयू में तैनात स्टाफ नर्सों को स्तनपान और कंगारू मदर केयर (केएमसी) के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। शासन से नामित संस्था कम्युनिटी एम्पावरमेंट लैब (सीईएल) की ओर से इसके लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शुक्रवार को  मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय के सभागार में प्रशिक्षण के तीसरे दिन 21 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. विनय कुमार सिंह ने बताया – पहले तीन दिनों में जनपद की 65 स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया। शनिवार को भी 22 स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया-जनपद में नवनिर्मित एमएनसीयू संचालन के लिए कम्युनिटी एम्पावरमेंट लैब (सीईएल) द्वारा जनपद की स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया जा है। प्रशिक्षण में स्टाफ नर्सों को स्तनपान का महत्व, स्तनपान कराने का सही तरीका और अवधि के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान बताया गया, प्रसव के बाद जितनी जल्दी संभव हो, स्तनपान कराएं। स्तनपान कराते समय यदि मां की पोजीशन सही नहीं होगी तो स्तनपान कराना दर्दनाक हो सकता है। स्तनपान कराते समय शिशु मां से चिपका हो ताकि शिशु मां की त्वचा के संपर्क में रहे, ऐसा करने से जहां शिशु में सुरक्षा का भाव आएगा वहीं भूख लगने पर वह मां को संकेत भी दे सकेगा। शुरुआत में दिनचर्या की परवाह किए बगैर शिशु की जरूरत और प्रतिक्रियाओं के हिसाब से चलें। शुरुआती दिनों में शिशु को बार-बार स्तनपान की जरूरत होती है। शुक्रवार को सीएमओ ने प्रशिक्षण पाने वाली 21 स्टाफ नर्सों को प्रशस्ति पत्र दिया।

 

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश यादव ने प्रशिक्षण में बताया एमएनसीयू में प्रसूताओं को बताएं कि वह हर बार शिशु को दोनों स्तनों से दूध पिलाएं। स्तनपान करा सकें तो शिशु को बोतल से दूध पिलाने की आदत डालना ठीक नहीं है। लंबे समय तक स्तनपान कराते समय प्रसूता दर्द की शिकायत करें तो चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत होती है। घड़ी देखकर स्तनपान न कराएं, हर शिशु के स्तनपान का समय अलग-अलग हो सकता है। शिशु की प्रतिक्रिया के मुताबिक व्यवहार करें। स्तनपान कराते समय निप्पल की सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। निप्पल पैड को बदलने के साथ ही संभव हो तो कुछ समय के लिए हवा लगाएं। प्रशिक्षण में सीईएल की तरफ से सीनियर कोच सीमा यादव, अग्रिमा कमलेश, अपूर्व द्विवेदी सहित सुधीर कुमार मौजूद रहे।

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