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साहित्य उपवन

करोडो गीदड़ो की भीड़ में एकेले वृद्ध सनातनी शेर का संघर्ष – दिव्य अग्रवाल

जिस प्रकार मुगलिया शासन में हिन्दुओ को अपमानित व् प्रताड़ित किया जाता था लगभग उसी प्रकार की स्थिति शेखपुर आशिक कुंडा में बनी हुई है । भदरी रियासत के महाराज व् राजा रघुराज रताप सिंह जी के पिता बड़े महाराज उदय प्रताप सिंह जी जिन्होंने विश्व हिन्दू परिषद व् राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे हिन्दू संगठनों का उस समय सहयोग व् संरक्षण किया था जिस समय उन संगठनो के नाम लेने भर से कारावास काटना पड़ता था । बड़े महाराज में उस समय भी सनातन धर्म के प्रति समर्पण व् संघर्ष करने का पुरुषार्थ इतना की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरागांधी भी उन्हें झुका नहीं पायी । शेखपुर के जिस मज्जिदनुमा ढाँचे के विरुद्ध बड़े महाराज धरने पर बैठे हैं क्या हिन्दू समाज या हिन्दू संगठन इस बात से अवगत नहीं की उस ढांचे पर इस्लामिक बाते लिखी हैं और श्रावण महीने में हरदेश्वर महदेव के मंदिर में जाने वाले सभी सनातनी ध्वजो को उस ढांचे के नीचे झुकाकर निकालना पड़ता है । एक वृद्ध पुरुष सनातन धर्म के इस अपमान को समझ रहे हैं परन्तु हिंदुत्व का राग अलापने वाले दल व् संगठन शायद इसकी गंभीरता को समझना ही नहीं चाहते या जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं । क्यूंकि प्रशासन भी जानता है की हिंदुत्व के नाम पर कुछ लोगो की सैकड़ो में भीड़ ही एकत्रित होगी परन्तु इस्लाम के नाम पर हजारो की भीड़ इकट्ठा हो सकती है अन्यथा ऐसा कौन सा भय है जिसके चलते प्रशासन अवैध ढांचे के विरुद्ध कार्यवाही न करके बड़े महाराज का धरना तुड़वाने का प्रयास कर रहा है । साधरणतया इस तरह के आंदोलन या धरने गैर भाजपा शासित राज्यों में देखने को मिलते हैं परन्तु उत्तर प्रदेश में तो सनातन धर्म के सूर्य योगी जी महाराज की सरकार है तब भी प्रशासन कटटरपंथियो के असंवैधानिक कृत्य को जमीदोज नहीं कर पा रहा ये बड़ा प्रश्न है । बड़े महाराज का सनातन के प्रति समर्पण इतना की इस आयु में निरंतर स्वास्थ्य गिरने के पश्चात भी सनातनी सम्मान हेतु धरने पर अडिग है । उनके इस संघर्ष को देखते हुए निश्चित ही उन सभी हिन्दू संगठनों को लज्जित होना चाहिए जिन्होंने हिंदुत्व के नाम पर व्यक्तिगत स्वार्थ हेतु सनातनी धर्म व् परम्परा का समर्पण कर दिया है ।

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