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जागो ग्राहक जागो: रसगुल्ला में मिले कीड़े खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने कराए नष्ट, जनता ने विभाग पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप,

  • घेवर व नकली खोवे से बनी मिठाइयों से हर वर्ष होते हैं हजारों बीमार , शिकायत करने पर नोटों से अधिकारी भरते हैं अपनी जेब
  • नामी दुकानों से लेकर सड़क के किनारे छोटे छोटे दुकानदारों द्वारा बेची जाती है मिलावटी मिठाई

ग्रेटर नोएडा: जिले में काफी समय से अधिकारियों के संरक्षण में फल -फूल रहे नकली खाद्य पदार्थ के व्यापार का एक छोटा सा उदाहरण देखने को मिला,

प्राप्त समाचार के अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने कासना में श्री बीकानेर स्वीट्स में कीड़े लगे 150 किलो रसगुल्लों को नष्ट करा दिया। कीड़ों को निकालकर रसगुल्ले बेचे जा रहे थे। वहीं, विभाग ने नोएडा और ग्रेनो की पांच दुकानों से सात नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे हैं।

अभिहीत अधिकारी अर्चना धीरान ने बताया कि मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल के नेतृत्व में टीम ने श्री बीकानेर स्वीट्स पर जाकर जांच की। यहां कीड़े होने के बावजूद रसगुल्ले बेचे जा रहे थे। यहां 39 हजार रुपये के 150 किलो रसगुल्लों को नष्ट कराया गया। साथ ही, खोया का नमूना भी लिया गया।

इसके बाद साइट-4 स्थित पारसनाथ इंटरप्राइज से रोस्टेड वर्मीसैली का एक नमूना लिया है। तुगलपुर स्थित अंसल प्लाजा स्थित बीकानेर स्वीट्स एंड बेकर्स से घेवर का नमूना, नोएडा के नया बांस स्थित अग्रवाल स्वीट्स एंड बेकरी से छैना
रसगुल्ला का एक नमूना और हरि ओम स्वीट्स से एक बर्फी का नमूना लिया गया है। कुल पांच दुकानों से सात नमूनों को जांच के लिए लैब भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान 12 अगस्त तक जारी रहेगा।
यह सब भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा बड़ी सफाई से अपने संरक्षण में फल फूल रहे उपभोक्ताओं के जीवन से खिलवाड़ करने वाले सौदागरों को बचाने का एक मात्र तरीका है सच्चाई इससे कुछ अलग हटकर ही है ,
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर ग्लोबल न्यूज 24 ×7 के मुख्य संपादक ओम प्रकाश गोयल को बताया कि नकली खाद्य पदार्थ का यह व्यापार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में काफी बड़े स्तर पर स्कैम के अंतर्गत चल रहा है
इस कार्य को बड़ी योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाता है यही कारण है कि हर साल हजारों लोगों के बीमार होने के बावजूद भी व जनता द्वारा काफी शिकायत करने के बाद भी ऐसे दुकानदारों का कुछ नहीं बिगाड़ पाता है ये दुकानदार अपनी पहुंच और पैसे के बल पर अपने दामन को बेदाग कर लेते हैं,

बताया जाता है कि काफी बड़े स्तर पर नकली खोवा पनीर गुप्त गोदामों में लगा रहता है जहां अधिकारी मालूम होते हुए भी नहीं पहुंचते हैं व शिकायत मिलने पर दुकानों पर ही औपचारिकता पूरी कर चले आते हैं दुकान पर सैंपल लेने के लिए आने से पहले व्यापारी को सूचना दे दी जाती है जिससे वह खराब सामान को हटा सके और अपनी इच्छा से जनता को दिखाने के लिए सैंपल दे सके उसके बाद शुरू होता है व्यापारी और अधिकारी के बीच मोल भाव और मोटी रकम लेकर सैंपल को नष्ट कर दिया जाता है,

जनता का आरोप है कि यदि अधिकारियों का दामन साफ है और वे वास्तव में जनता को महामारी से बचाना चाहते हैं तो उन्हें चाहिए कि वे गोपनीय तरीके से उनके गोदामों पर औचक निरीक्षण का वीडियोग्राफी के साथ सैंपल ले, एक स्वास्थ्य अधिकारी ने ग्लोबल न्यूज़ 24×7 मुख्य संपादक ओम प्रकाश गोयल से अपनी बातचीत में बताया कि मिठाइयों में सबसे ज्यादा घातक घेवर होता है जनता को घेवर खाने से बचना चाहिए क्योंकि घेवर पर निम्न स्तर का घटिया कच्चा मावा लगा होता है जिस कारण यह मिठाई जल्दी खराब हो जाती है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है हर साल रक्षाबंधन पर्व पर आने वाले मरीजों में घेवर खाने से प्रभावित मरीजों की संख्या ज्यादा होती है इसलिए इन्होंने जनता से घेवर न खाने की अपील की है

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