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धर्म

दीपावली जैसा सजाया गया जन्माष्टमी पर बड़ौत का ठाकुरद्वारा मन्दिर

- पृथ्वी पर बढ़ रहे पाप और अत्याचार को समाप्त करने के लिए भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्री नारायण ने कृष्ण के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया था - पवन शास्त्री

– प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर बड़ौत के पुजारी पवन शास्त्री, अध्यक्ष रमेश शर्मा, कोषाध्यक्ष नरेश रूहेला व समिति के सदस्यों ने विधि-विधान के साथ पूर्ण कराया जन्माष्टमी का त्यौहार

बागपत(, उत्तर प्रदेश)  बड़ौत के अत्यंत प्राचीन मंदिरों में शुमार ठाकुरद्वारा मन्दिर को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जन्माष्टमी के अवसर पर रंग-बिरंगी लाईटों और फूलों से दीपावली जैसा सजाया गया। मंदिर परिसर की साज-सज्जा को देखने दूर-दराज क्षेत्रो से काफी संख्या में श्रद्धालुगण मंदिर पहुॅंचे। लोगों ने जन्माष्टमी के पर्व पर भगवान श्रीकृष्ण को बाल रूप में झूला झूलाने की रस्म पूर्ण कर प्रसाद का भोग लगाया। मन्दिर के पुजारी पवन शास्त्री, अध्यक्ष रमेश शर्मा, सचिव राजगोपाल शर्मा, कोषाध्यक्ष नरेश रूहेला व समिति के सदस्यों ने विधि-विधान के साथ जन्माष्टमी के पूजन कार्य को पूर्ण कराया।

मंदिर के मुख्य पुजारी पवन शास्त्री ने बताया कि पृथ्वी पर बढ़ रहे पाप और अत्याचार को समाप्त करने के लिए भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्री नारायण ने कृष्ण के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया था। इसी दिन को हम जन्माष्टमी के रूप में मनाते है। जन्माष्टमी के दिन वृत रखने से श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर समाज सेवी एवं बेसिक शिक्षा विभाग बागपत के कार्यालय अनुचर संजय शर्मा, पंडित दीपांशु, अनिल भगत जी सहित सैंकड़ो की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

रिपोर्ट विवेक जैन

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