[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
धर्मराष्ट्रीय

महाशिवरात्रि पर सद्गुरु की अली मौला वाली इबादत का क्या है अर्थ….

महाशिवरात्रि पर सद्गुरु की अली मौला वाली इबादत का क्या है अर्थ - दिव्य अग्रवाल।

महाशिवरात्रि का दिन सभी सनातनियो के लिए सबसे विशिष्ट व महत्वपूर्ण दिन होता है । महादेव व माँ जगदम्बा की आराधना , साधना को सर्वोच्च मानते हुए सभी आध्यात्मिक लोग इस पर्व में भक्तिमय हो जाते है । परन्तु इसी महापर्व पर ईशा सद्गुरु जग्गी महादेव ,अली मौला का गुड़गान कर रहे हैं , अली मौला के संगीत पर स्वम् भी नृत्य कर रहे हैं ओर सनातनियो को भी नृत्य करवा रहे हैं । महादेव की भक्ति व चरित्र का गुणगान करके हिन्दू भक्तों के ह्रदय में स्थान पाकर इस महापर्व पर अली मौला का पाठ पढ़ा रहे हैं। हिन्दू धर्मं गुरुओं को हुआ क्या है ।

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल(राष्ट्रवादी लेखक व विचारक, गाजियाबाद)

अधिकतर धर्म गुरु , कथा वाचक सनातन धर्म की कथाओं व देवताओं की महिमा का गुणगान करके पहले हिन्दुओ की भावनाओ को जीतते हैं उसके पश्चात अली मौला का पाठ पढ़ाकर सेकुलर धर्म गुरु बनने का प्रयास करते है । यदि वास्तव में धर्म गुरुओं में भाईचारा का भाव इतना प्रबल है कि माँ जगदम्बा व महादेव की पवित्र शिवरात्रि पर इन्हें अली मौला करने से कोई परहेज नही है । तब ऐसे धर्म गुरुओं को मक्का मदीना में मक्केश्वर महादेव के होने की सत्यता को भी उजागर करना चाहिए । उन भाइजनो से मक्का मदीना में भी अली मौला के संगीत की तर्ज पर वहां शिव भक्ति के भजन भी गाने व गवाने चाहिए । क्या कभी किसी इस्लामिक धर्म गुरु को देखा है जो अपनी तकरीरों में , जलसों में , मजलिसों में महादेव का गुणगान करते हो । करोड़ो हिन्दू जो सद्गुरु के आश्रम से सिर्फ महादेव की भक्ति के कारण जुड़े है उन हिन्दुओ की आस्था को अली मौला की इबादत में लगाने का क्या अर्थ है । आदि योगी के नाम को जपने वाले धर्म गुरु क्या आदि गुरु शंकराचार्य की स्थापना व परम्परा से परिचित नही है जो अली मौला की इबादत में लग गए हैं । अली मौला की इबादत करने वाले तो सार्वजनिक रूप से घोषणा करते आए है कि अल्लाह के अतिरिक्त इस दुनिया मे कुछ भी पूजनीय नही है ओर सद्गुरु महाराज , आदि योगी ,अविनाशी , निरंकार , साकार , कण कण में बसने वाले महादेव शिव की भक्ति के स्थान पर अली मौला की इबादत को शिव भक्तों की रागों में घोल रहे हैं। अब सद्गुरु सनातन धर्म के प्रहरी है या इस्लाम धर्म के प्रचारक इसका निर्णय तो शिव भक्तों को स्वम ही लेना होगा ।

Show More

Related Articles

Close