नोएडा
एनईए ने औद्यौगिक विकास मंत्री नंदी को शेयर होल्डर्स की समस्या से अवगत कराया
नोएडा। उद्यमियों की संस्था नौएडा एन्ट्रेप्रिनियोर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमण्डल अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन के नेतृत्व में नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी, औद्यौगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन एंव एन.आर.आई, निवेश प्रोत्साहन मंत्री, उप्रण् सरकार से कलैक्ट्रेट सूरजपुर स्थित सभागार में मिला। उन्हका पुष्प भंेट कर उनका स्वागत किया। विपिन कुमार मल्हन ने मंत्री महोदय को समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि कुछ वर्षो से भारतीय जनता पार्टी सरकार की यहॉ के उद्योगों के प्रति बहुत सकारात्मक सोच रही है परन्तु अधिकारियों द्वारा जो नीति बनाई जाती है उसमें उद्योगों के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाया जा रहा है। आज अगर कोई प्रालि कम्पनी में डायरेक्टर शेयर होल्डिंग बदलनी हो तो नौएडा प्राधिकरण उसके चार्ज लेता है और स्टांप विभाग भी चार्ज लेता है। भारत सरकार के कम्पनी निगमित मामलों के नियमों के अनुसार भी यदि किसी कम्पनी के शेयर होल्डर डायरेक्टर बदलते है तब भी उस कम्पनी की संरचना पर कोई असर नही होता है कम्पनी एक ही बार बनाई जाती है जिसमें आवश्यकतानुसार शेयर होल्डर्स बदलते रहते हैं। कृप्या इस मामले को संज्ञान में लेकर उचित निर्णय लेने की कृपा करें।
आज नौएडा, ग्रेटर नौएडा ,यमुना में अगर किसी ने अपना उद्योग लगाना है तो इन प्राधिकरणों द्वारा जो सम्पत्तियां लीज पर दी जाती है उस पर बोली लगाने का प्रावधान कर दिया है। उद्योग लगाने के लिए हमेशा सरकार ऐसी जमीन देती है जहॉ पर कम से कम पैसा जमीन पर लगे और उद्योगपति अपनी पूजीं का निवेश उद्योग चलाने पर करे। यदि सारा पैसा ही जमीन पर लग जाएगा तो उद्योग क्या चलायेगा। हमारा निवेदन है इस पर विचार विमर्श किया जाए।
नौएडा प्राधिकरण द्वारा सभी सम्पत्तियां 90 वर्ष की लीज पर दी जाती है जिसका हम लीज रैंट देते है चाहे वन टाईम लीज रेंट के रूप में दें चाहे प्रत्येक वर्ष दें। किसी कारण से अगर हम अपना उद्योग चलाने में असफल हो जाए तो हम उस बिल्डिंग ध्भूखंड को किराये पर देकर अपनी जिविका चलाते है । महोदय नौएडा प्राधिकरण द्वारा यदि हम अपने औद्यौगिक परिसर पर किरायेदार रखते हैं उस पर प्राधिकरण द्वारा प्रति वर्ग फीट के रूप में अपना किराया अनुबन्ध लेना शुरू कर दिया है जोकि यह सकारात्मक रवैया नजर नही आता कृप्या इस पर विचार करें। ं
औद्यौगिक क्षेत्र में औद्यौगिक संगठन बने हुए हैं तो प्राधिकरण कोई भी नीति लेकर आता है उससे पहले जो यहॉ पर औद्यौगिक संगठन है उनके साथ बैठक कर विचार विमर्श कर लिया जाए ताकि ये नीतियां भविष्य में उद्योगों के लिए ठीक रहेंगी या नही। बंद कमरे में बैठक कर यदि अधिकारी कुछ भी अपने विवेक से नीति बनाकर पास कर देगें और भविष्य में उन नीतियों से उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। कृप्या इस पर भी अपना मार्गदर्शन देने की कृपा करें। उपरोक्त समस्याओं को सुनने के पश्चात् मंत्री महोदय द्वारा आश्वासन दिया गया कि संबधित विभागों के अधिकारियोे के साथ विचार-विमर्श कर उचित निर्णय लिया जाएगा। प्रतिनिधिमण्डल में एनईए अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन, महासचिव वीके सेठ, सह कोषाध्यक्ष नीरू शर्मा, सचिव राहुल नैयर शामिल थे।