उत्तर प्रदेश
“हिंदी दिवस” पर भाजपा नेता ने स्वतंत्र भारत की तत्कालीन “भारत तोड़ो” सरकार को बताया देश का दुर्भाग्य
उत्तर प्रदेश:भाजपा नेता एवं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री (राष्ट्रीय क्षत्रिय महासेना भारत) सतेन्द्र सिंह राघव ने हिंदी दिवस के अवसर पर समस्त भारतवासियों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश राष्ट्र के नाम दिया है।
सतेन्द्र सिंह राघव ने अपने संदेश में कहा कि अधिकांश देशों की अपनी एक राष्ट्रभाषा है लेकिन स्वतंत्र भारत में 75 वर्ष बाद भी हम अपनी हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित नहीं कर पाते हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है, आगे नेता ने स्वतंत्र भारत की तत्कालीन (भारत तोड़ो) सरकार को इसका उत्तरदायी बताते हुए कहा कि जिस पार्टी के अधिकांश मुख्य राष्ट्रीय नेताओं को हिन्दी भाषा नहीं आती हो या बोलने में शर्म आती हो और हिंदी भाषा का उपहास उड़ाने में आनन्द आता हो और जिसने भारत के गुलामी के प्रतीकों को पोषित किया हो, संरक्षण दिया हो, यह भारतवर्ष का दुर्भाग्य ही तो कहा जायेगा।
नेता ने सभी नागरिकों से विनम्र निवेदन किया कि वे देश की भाषा को सर्वोच्च सम्मान के साथ उपयोग में लाएं और सभी प्रकार के लिखित और मौखिक कार्यों में हिंदी भाषा का प्रयोग करें तथा हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा / मातृभाषा घोषित करवाने का गौरवपूर्ण वीणा उठाएं ।
हिंदी भाषा हमारी भारतीयता और भारतीय संस्कृति को एक सूत्र में बांधने का कार्य कर रही है, गुलामी की भाषा (अंग्रेजी) के प्रति जो झूठा सम्मान हमारे ऊपर थोपा गया, उससे बाहर निकलने की नवभारत को वर्तमान में अति आवश्यकता है, अपनी हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और राष्ट्रप्रेम की भावना के दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
मुझे प्रसन्नता है कि नवभारत निर्माण के रूप में आज भारतवर्ष हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा, राष्ट्रप्रेम, राष्ट्रभावना और सर्वोच्च सम्मान के दृष्टिकोण से देखने की ओर तीव्रता से अग्रसर है। जिसके लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का और समस्त राष्ट्रप्रेमियों के कठोर परिश्रम जोकि राष्ट्र को सशक्त बनाने में किया जा रहा है, उनको धन्यवाद और नमन करता हूं।