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Bulandshahr

स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में जनौरा गांव में झोलाछाप डॉक्टर की मौज

बिना लाइसेंस धड़ल्ले से चला रहा डाक्टरी की दुकान मैडिकल स्टोर और पैथालॉजी लैब, ग्रामीणों के जीवन से हो रहा है खिलवाड़

औरंगाबाद( बुलंदशहर ) एक कहावत है “सैय्या भये कोतवाल अब डर काहे का” ऐसा आभास तब हुआ जब ब्लाक लखावटी अंतर्गत ग्राम जनौरा में झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी वैध डिग्री लिए मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करता मिला। यही नहीं झोलाछाप डॉक्टर साहब ने मरीजों को जी भरकर लूटने की खातिर खुद का मैडिकल स्टोर भी बना रखा है। इतने पर भी संतोष नहीं हुआ तो खुद ही पैथालॉजी लैब भी बना ली।अब आलम यह है कि डाक्टर साहब खुद ही मरीज देखते हैं मैडिकल स्टोर से दवा भी खुद ही दे दिया करते हैं और मरीज़ की तमाम जांच भी अपनी ही पैथालॉजी लैब में कर के मरीजों की भरपूर सेवा कर रहे हैं। और सेवा करने वाले मेवा भी भरपूर खाते ही हैं। यह कहने की आवश्यकता भी नहीं है।

बताया जाता है कि झोलाछाप डॉक्टर साहब का धंधा स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में धड़ल्ले से चलता है इसकी एवज में सुविधा शुल्क संबंधित अधिकारियों को हर माह बिना विलम्ब पहुंच जाता बताया जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुविधा शुल्क वसूल कर संरक्षण दिया जाना कोई नयी बात नहीं है। झोलाछाप डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग का चोली दामन का साथ है। जानकार सूत्रों का कहना है कि बिना किसी वैध डिग्री बिना लाइसेंस लिए चिकित्सा करना, मैडिकल स्टोर चलाना अथवा पैथालॉजी लैब चलाना बिना स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत चलाया जाना पूरी तरह असंभव है। सब कुछ स्वास्थ्य विभाग को पता होता है लेकिन सुविधा शुल्क की लत किसी को कोई कारवाई करने ही नहीं देती इसी लिए झोलाछाप डॉक्टर मैडिकल स्टोर पैथालॉजी लैब आदि धड़ल्ले से चल रही हैं।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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