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Bulandshahr

कार्यवाहक अध्यक्ष ने बाजार से किया चंदा एकत्र ,एक पक्ष ने नकार दिया फैसला,नहीं दिया चंदा

मंदिर की सुचारू व्यवस्था के लिए आवश्यक हो गया था चंदा एकत्र करना

औरंगाबाद (बुलंदशहर ) प्राचीन नागेश्वर मंदिर के कार्यवाहक अध्यक्ष संजय वर्मा उर्फ टीटू सर्राफ ने शुक्रवार को बाजार में चंदा एकत्र किया। उन्होंने बताया कि मंदिर की व्यवस्था सुचारू रूप से बनाए रखने हेतु चंदा एकत्र करना आवश्यक हो गया था।
गौरतलब है कि जन्माष्टमी महोत्सव के बाद से ही प्राचीन नागेश्वर मंदिर कमेटी अध्यक्ष पद पर विवाद शुरू हो गया था। कस्बे के गणमान्य नागरिकों ने मंदिर परिसर में एकत्र होकर नये अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू की जिस पर पूर्व अध्यक्ष ने मंदिर में असामाजिक तत्वों के एकत्र होकर बलवा करने की बात कहते हुए पुलिस को सूचना दे दी और स्वयं मंदिर में हो रही मीटिंग का बायकॉट कर दिया।
पुलिस मंदिर परिसर में पहुंचीं तो मामला बिल्कुल उलट पाया। पुलिस की मौजूदगी में गणमान्य लोगों ने सचिन वर्मा को सर्वसम्मति से देखभाल की जिम्मेदारी दे दी ,


इस चयन को सिरे से नकारते हुए पूर्व अध्यक्ष ने थाना प्रभारी राजपाल तौमर को शिकायती पत्र दिया और सोसायटी रजिस्ट्रेशन कार्यालय में पहुंच कर खुद को वैध अध्यक्ष बताते हुए आपत्ति दर्ज कराई। नयी कमैटी के लोगों ने भी सोसायटी रजिस्ट्रेशन कार्यालय मेरठ पहुंचकर अपनी कमैटी वैध बताते हुए रजिस्ट्रेशन कराने हेतु प्रार्थना पत्र दिया।,

 

सोसायटी रजिस्ट्रेशन कार्यालय मेरठ से जानकारी मिली कि वर्ष 2013में कमेटी नवीनीकरण हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया था लेकिन कमैटी के कुछ सदस्यों ने शपथ पत्र देकर कमैटी से किनारा कर लिया था अतः रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बन जाने के बाबजूद सदस्यों द्वारा आपत्तियां दर्ज कराई जाने के चलते किसी को भी जारी नहीं किया गया और उक्त प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा है।
दोनों पक्षों में खींच तान चल ही रही थी कि पूर्व अध्यक्ष ने थाना प्रभारी राजपाल तौमर को शिकायती पत्र देकर नव गठित कमेटी द्वारा चंदा एकत्र करने पर रोक लगाने का आग्रह किया।
रोज रोज के विवादों से परेशान होकर थाना प्रभारी राजपाल तौमर ने कस्बा चौकी पर दोनों पक्षों की बैठक बुलाई और दोनों पक्षों को सुना उनके अभिलेख देखे और पाया कि फिलहाल कोई भी पक्ष वैध अध्यक्ष होने का कानूनी अधिकार नहीं रखता है। दोनों पक्षों की रजामंदी से थाना प्रभारी ने तय किया कि जब तक कोई भी पक्ष अपने पक्ष में सोसायटी रजिस्ट्रेशन कार्यालय से प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर लेता तब तक किसी तीसरे को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जाय। जिससे मंदिर व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। सर्व सम्मति से संजय वर्मा उर्फ टीटू सर्राफ को, मंदिर की देखभाल हेतु जिम्मेदारी सौंपी गई  और दोनों पक्षों को मंदिर व्यवस्था बनाए रखने हेतु दस दस हजार रुपए प्रति माह संजय वर्मा को अदा करने का निर्देश दिया। साथ ही दोनों पक्षों को बाजार से चंदा एकत्र करने पर रोक लगा दी गई थी।
संजय वर्मा ने बताया कि दीपक अग्रवाल उर्फ दीनू पक्ष ने दस हजार रुपए जमा कराए थे लेकिन दूसरे पक्ष ने रूपए देने से इंकार कर दिया और अपशब्दों का प्रयोग किया। इसी के चलते मंदिर की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए बाजार से चंदा एकत्र करना आवश्यक हो गया था।

रिपोर्ट राजेंद्र अग्रवाल

 

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