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Bulandshahr

बच्चों में बढ़ता एकाकीपन उदासीनता हिंसालु के कारण और समाधान विषय पर  गोष्टी का हुआ आयोजन

बुलंदशहर: बच्चों में बढ़ते एकाकीपन, उदासीनता, हिंसालु व्यवहार के कारण और समाधान विषय पर आज दोपहर शंभू नाथ इंटर कॉलेज शिकारपुर के शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कि मोबाइल के कारण आज बच्चों की प्राथमिकता से नींद भोजन खेलकूद कलात्मक गतिविधियां सभी दूर हो गई है। बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। इसलिए बच्चे एकाकीपन और उदासीनता के शिकार होते जा रहे हैं। इस विषय में शिक्षकों ने कहा कि परिवार और शिक्षण संस्थाओं को खेल और मनोरंजन के नाम पर परोसे जा रहे षड़यंत्र के घटनाक्रम से बच्चों को बाहर निकालने के लिए परिवारों को अपने पारिवारिक इतिहास अध्यात्म योग और कलात्मक गतिविधियों को बढ़ाने पर विचार पूर्वक कार्यक्रम चलाने चाहिए।

बच्चों को खेलकूद में जोड़ना जरूरी है। बच्चों को इस पूरे घटनाक्रम से बाहर निकालने के लिए परिवारों में पुस्तकों को पढ़ने की अपनी आदत को पुनर्जीवित करना चाहिए। जिससे बच्चे भी अपने परिवार का अनुकरण कर पुस्तकें पढ़ कर अपने आप को संयमित और शिक्षित कर सकें। अध्यापकों ने कहा कि मोबाइल ऑनलाइन गेम और सिनेमा को देखकर आज बच्चे क्रूरता की हदें पार कर रहे हैं। हमें इस विषय को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए।

अध्यापकों ने कहा कि आज मोबाइल रोटी कपड़ा मकान की तरह अनिवार्य हो गया है। इसलिए इसके सदुपयोग पर पूरी तरह ध्यान देना चाहिए। यह आज ज्ञान का बड़ा माध्यम है। मां बाप की तकनीकी जानकारी के अभाव और बच्चों पर पर्याप्त ध्यान न देने के कारण बच्चे मां बाप की लापरवाही और मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। जिसका परिणाम हमें इस तकनीक के नुकसान के रूप में झेलना पड़ रहा है। बच्चों का बदला हुआ व्यवहार खतरे का संकेत है। यह बदलाव सभ्यता और संस्कृति दोनों के लिए खतरा पैदा कर रहा है।इसलिए हमें इस पर समय रहते ध्यान देना चाहिए,

इस वार्ता में विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र सिंह, कुमारी पूजा, भारती वशिष्ठ, ज्योति कुमारी, फरहा, मीना देवी, संजय शर्मा, दिनेश कुमार, ओमप्रकाश सिंह, नसरुद्दीन खान, शिवकुमार शर्मा,अनिल यादव, चरण सिंह, सतीश चंद, वीरपाल सिंह,जगबीर सिंह, प्रधानाचार्य त्रिपाठी जी,शिवराज सिंह, चंद्रमणि सिंह, अवनीश जी आदि ने भाग लिया। इस वार्ता का आयोजन लाल कपड़ा आंदोलन के संयोजक और संचालक हरि अंगिरा ने किया।

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