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अपराध

घर में घुसकर दो बच्चों की हत्या के मामले में दूसरे आरोपी जावेद को पुलिस ने किया गिरफ्तार

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के बदायूं में घर में घुसकर दो बच्चों की हत्या के मामले में दूसरे आरोपी जावेद को बरेली से गिरफ्तार कर लिया गया है. जावेद को एक ऑटो में कुछ लोगों ने पहचान लिया और उससे पूछताछ शुरू कर दी. इसके बाद जावेद ने उन लोगों से गुहार लगाई कि उसे पुलिस के हवाले कर दिया जाए, वह निर्दोष है. इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया. बदायूं पुलिस को जावेद की तलाश थी. घटना के बाद से ही वह फरार चल रहा था. उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.

जावेद ने पूछताछ के दौरान बताया कि घटना के बाद वहां बहुत भीड़ थी. मैं सीधा दिल्ली भाग गया था. अपने आप को सरेंडर करने के लिए वहां से बरेली आया. उसने कहा कि इस दौरान मेरे पास कई फोन आए कि तुम्हारे भाई ने कांड किया है. मैंने फोन ऑफ कर दिया. मैं बहुत सीधा शरीफ आदमी हूं. वो (साजिद) मेरा बड़ा भाई था, उसने किया है. इसमें मेरा कुछ नहीं है.

उसने लोगों से कहा कि मेरा नाम मोहम्मद जावेद है. मेरा जिला बदायूं है. मुझे पुलिस के हवाले करवा दो, क्योंकि मैं बिल्कुल निर्दोष हूं. जिस घर में मर्डर हुआ है, वहां उन लोगों से बहुत अच्छे ताल्लुकात थे. लेकिन मुझे यही नहीं पता चला कि क्या हुआ है.

मंगलवार की देर शाम बदायूं में हुई थी घटना

सिविल लाइंस थाना इलाके में मंगलवार देर शाम साजिद अपनी दुकान के सामने वाले विनोद सिंह के घर पहुंचा था. इस दौरान विनोद घर पर नहीं थे. साजिद ने विनोद की पत्नी संगीता से पांच हजार रुपये यह कहकर मांगे थे कि उसकी पत्नी प्रेग्नेंट है, उसकी तबीयत ठीक नहीं है. इसके बाद संगीता ने पति से फोन पर बात करने के बाद उसे रुपये दे दिए.

इसके बाद साजिद घर की छत पर चला गया, जहां संगीता के दोनों बच्चे 12 वर्षीय आयुष और 6 वर्षीय आहान थे. साजिद ने उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिसमें दोनों की मौत हो गई. इस घटना के बाद साजिद एनकाउंटर में मारा गया.

बच्चों की मां ने कहा था- पुलिस एनकाउंटर न करे, वही बता सकता है राज

इस घटना के बाद बच्चों की मां संगीता ने कहा था कि अभी इंसाफ नहीं मिला है. दूसरे आरोपी जावेद का एनकाउंटर नहीं होना चाहिए. संगीता ने ‘आजतक’ से बात करते हुए पुलिस से अपील की थी कि साजिद के भाई जावेद का एनकाउंटर न करे, क्योंकि अब वही एक ऐसा शख्स है, जो बता सकता है कि साजिद ने बच्चों की हत्या क्यों की. इस दौरान संगीता ने ये भी बताया था कि साजिद उसे भी मार डालना चाहता था. जब वो बच्चे की चीख के बाद छत की ओर भागी तो वो साजिद चिल्लाने लगा था- आजा, आजा.

संगीता ने बताया था कि साजिद ने बच्चों की गर्दन ही अलग कर दी. हम देख नहीं पाए. बच्चों ने छूटने की कोशिश की, लेकिन उसने नहीं छोड़ा. उसने बहुत बार चाकू से मारा. पूरी छत पर तड़पा-तड़पाकर मारा. वो भी छत बंद करके. उसके बाद वो मुझे भी मारने के लिए दौड़ा. संगीता ने कहा था कि जावेद से पूछताछ की जाए कि साजिद ने आखिर हमारे मासूम बच्चों के साथ ऐसा क्यों किया, उससे पूछा जाए. क्या दुश्मनी है या उससे किसी ने करवाया है या वो हमारे खिलाफ था. हमारे बच्चे उसी के यहां बाल कटवाते थे. उसका सैलून हमारे घर के ही सामने था. बच्चे उसे भैयाजी कहते थे.

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