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साहित्य उपवन

बेटी वही बचेगी जो मजहबी क्रूरता को पढ़ेगी- दिव्य अग्रवाल

हतप्रभ करने वाला विषय है कि बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ की विचारधारा वाले धर्मगुरु या राजगुरु , राजनेता या अभिनेता किसी मे इतनी शक्ति नही जो सार्वजनिक रूप से यह कह सके की बेटियों को सबसे ज्यादा खतरा यदि किसी से है तो वो इस्लामिक जिहादियों से है । वीर बलिदानी शाहब जादो व भाई मती दास सती दास को याद कर , प्रकाश पर्व , गुरु पर्व में सम्मिलित होकर सभी प्रभावशाली लोग वोट बैंक तो बनाना चाहते हैं पर उनका बलिदान इस्लाम की क्रूरता के कारण हुआ इस पर कोई खुले मंच से चर्चा नही करता। दुखतरे ऐ हिन्द नीलामें दो दीनार की मंडी से लेकर आज तक हिन्दुओ की महिलाओं की दुर्गति होती आ रही है पर हिन्दू , कायरों की भाँति किसी न किसी पर निर्भर रहते हुए सदैव मौन ही रहता है ।

विधालयों में ईश्वर अल्लाह तेरो नाम की शिक्षा दी जा रही है ओर मदरसों में काफिरों की हत्या की । बड़े बड़े धर्मगुरु यह कहते हुए नजर आ जाएंगे कि जो लड़की इन विधर्मियो से सतर्क नही रहती उसकी दुर्गति इसी तरह एक न एक दिन होती ही है ये सार्वभौमिक सत्य भी है परन्तु हिन्दू धर्म के आधार पर वैभवशाली जीवन जीने वाले इन धर्मगुरुओं ने हिन्दू समाज के लिए क्या व्यवस्थाएं व तैयारी की है इनसे पूछना चाहिए ।

जिन मुस्लिम धर्मगुरुओं को मीडिया में रूढ़िवादी व कट्टरपंथी बता दिया जाता है उन्होंने मुस्लिम समाज के लिए इस तरह की धार्मिक , आर्थिक व संरक्षण देने वाली व्यवस्था बना रखी है जिसके चलते कोई शबाना , हुमा या गोहर आपको सूटकेस या फ्रीज में नही मिलेगी । जरा सोचिए साहब सैकड़ो वर्षों की इस्लामिक गुलामी के पश्चात यदि आज भी हिन्दू समाज अपनी बच्चियों व परिवार को सुरक्षित करने में समर्थ या सजग नही है तो दोष किसका है । क्योंकि यह निश्चित है कि यदि आज वो लोग मारे जा रहे हैं जो इस्लामिक जिहाद की क्रूरता से अनभिज्ञ थे तो बचेंगे वो भी नही जो सब कुछ जानते हुए भी मौन थे। हिन्दू समाज उस बकरे की भाँति बन चुका है जिसकी बलि होने पर कुछ हिंदूवादी सरकारों को लाभ होगा तो कुछ इस्लामिक व वामपंथी विचारधारा वाली सरकारों को । भारत मे काफिरों व उनकी महिलाओं के साथ क्या दुर्गति करनी है इस शिक्षा को प्रतिबन्धित न करना लोकतंत्र व सेकुलिरिज्म का प्रमाण है परन्तु इस्लाम की अमानवीयता पर चर्चा तक करना हिन्दूवादी कट्टरवाद है । अतः बेटी वो ही बचेगी जो इस्लाम की क्रूरता को पढ़ेगी।

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