[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
धर्म

किशनपुर बराल में स्थित है भगवान श्री कृष्ण का चमत्कारी धाम

बागपत( उत्तर प्रदेश) भगवान श्री कृष्ण और उनके भाई बलराम द्वारा बसाये गये गांव किशनपुर बराल में भगवान श्री कृष्ण का चमत्कारी धाम स्थित है। धाम में भगवान श्री कृष्ण की अद्धभुत और चमत्कारी प्रतिमा विराजमान है। मान्यताओं के अनुसार इस चमत्कारी प्रतिमा से जुड़ी दो कथाएं प्रचलित है। एक कथा के अनुसार इस गांव में भगवान श्री कृष्ण और उनके भाई बलराम ने कुछ समय गुजारा था। उस समय पांड़वों द्वारा विशेष पूजा के लिए इस स्थान पर 12 बीघा का विशाल अष्टभुजाकार हवनकुड़ बनाया गया और किसी विशेष शक्ति का आहवान करने और उसको प्रसन्न करने के लिए अनेकों महान ऋषि-मुनियों द्वारा यहॉं पर विशेष हवन का आयोजन किया गया, जिसमें भगवान श्री कृष्ण सहित उस समय के अनेकों राजाओं ने भाग लिया।

हवन के उपरान्त 12 बीघा की यह भूमि जिसको वर्तमान में रामताल के नाम से जाना जाता है, अद्धभुत शक्तियों से सम्पन्न हो गयी। इस घटना के हजारों वर्ष बीत जाने के उपरान्त एक दिन जब गांव के लोग 12 बीघा के इस रामताल से मिट्टी उठा रहे थे, उस समय एक किसान के फावड़ा मारने के उपरान्त इस जमीन से खून की धार बह निकली।

गांव वालों ने जब इस स्थान की खुदाई की तो भगवान श्री कृष्ण की भव्य प्रतिमा निकली, उस प्रतिमा की नाक पर किसान का फावड़ा लगा था, जिससे खून की धार बह रही थी। उस प्रतिमा से गांव वालों ने क्षमा मांगते हुए प्रतिमा को विधि-विधान के साथ रामताल से सटे हुए भगवान शिव के अति प्राचीन मंदिर के समीप स्थापित कर दिया। दूसरी कथा के अनुसार सैंकड़ो वर्ष पहले रात्रि के समय कुछ अद्धभुत शक्तियां 12 बीघा के इस तालाब की बाउंड्री बना रही थी। गांव के किसी व्यक्ति की नींद टूटी तो उसने देखा की कुछ रहस्यमयी आकृतियां रामताल पर निर्माण कार्य कर रही है, उस ग्रामवासी के रामताल के निकट पहुॅंचने पर उसको देखकर वे अर्न्तध्यान हो गयी। बताया जाता है कि रामताल की 1 से 2 फुट ऊॅंची बनी प्राचीन बाउंड्री उन्ही दिव्य शक्तियों द्वारा बनायी गयी। प्रसिद्ध सिद्ध पुरूष और महान संत गोपाल गिरी जी महाराज का इस स्थान पर आगमन हुआ और उन्होंने इस रामताल की अद्धभुत शक्तियों को पहचाना और गांव के पास स्थित एक नहर के पानी को इस रामताल से ग्रामवासियों की सहायता से जोड़ा। बताया जाता है कि गुरू बाबा गोपालगिरी जी महाराज के समय इस रामताल में काफी पानी रहा करता था और इस पानी में स्नान करने से लोगों के चर्म रोग दूर हुआ करते थे। गोपालगिरी जी महाराज का 1979 में शरीर पूरा होने के उपरान्त श्री श्री 1008 पंचदशनाम जूना अखाड़ा की गद्दी पर सिद्ध संत महावीर गिरी जी महाराज विराजमान हुए और समस्त जीवन भगवान श्री कृष्ण की भक्ति से लोगों को अवगत कराते हुए उन्हें सत्य का मार्ग दिखाते रहे। वर्ष 2019 में सिद्ध संत महावीर गिरी जी महाराज का शरीर पूरा हुआ। दोनों सिद्ध संतो की समाधि भी इसी अखाड़ा परिसर में बनी हुई है और वे बहुत चमत्कारी मानी जाती है। प्रसिद्ध समाजसेवी पुष्पेन्द्र मैत्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण की अद्धभुत और चमत्कारी प्रतिमा के दर्शन करने व प्राचीन शिव मन्दिर में पूजा-अर्चना करने से लोगों की मुरादें पूरी होती है और पूरे देश से लोग भगवान श्री कृष्ण के इस चमत्कारी धाम के दर्शनों को आते है।

रिपोर्टर विवेक जैन

Show More

Related Articles

Close