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धर्म

हमारे जीवन में गीता का महत्व ,शिक्षण संस्थानों में गीता का पढ़ाया जाना क्यों जरूरी है – शिक्षक सीमा शर्मा

गीता के सभी 18 अध्यायों का सार मात्र 18 वाक्यों

शिक्षक के साथ आध्यात्मिक क्षेत्र से जुड़ी सीमा शर्मा द्वारा भगवत गीता के महत्व को बताने का प्रयास किया है आओ जानते हैं क्या कहती हैं

मुझे बताओ, दूरदर्शन चैनल लगभग सभी परिवारों द्वारा देखे जा रहे हैं, क्या आपने कभी दूरदर्शन पर भगवद गीता के बारे में सुना है? स्कूलों में गीता नहीं पढ़ाई जाती। गीता का अर्थ और शिक्षण महाविद्यालयों में नहीं पढ़ाया जाता है। निजी कोचिंग क्लास या शिक्षण संस्थान कभी गीता नहीं पढ़ाते। किशोरावस्था में कोई गीता नहीं पढ़ाता। 40/50 की उम्र तक सभी कमाई और भविष्य की योजना बनाने में लगे रहते हैं। सारा जीवन ऐसे ही व्यतीत हो जाता है। मैं आपको कैसे समझाऊं कि गीता के अलावा कोई विकल्प नहीं है? जाने-अनजाने में हमने खुद अपनी जान जलाई है। किसी भी पुरुष या महिला से पूछें जो 40 वर्ष की आयु तक पहुँच गया है, क्या वह गीता का एक भी श्लोक और उसका अर्थ जानता है?

मैं यहाँ गीता के सभी 18 अध्यायों का सार मात्र 18 वाक्यों में देता हूँ। *वन लाइनर गीता* – क्या आप इसे आगे बढ़ाएंगे और सभी को प्रसारित करेंगे?

वन लाइनर गीता :-

*अध्याय 1 – गलत सोच ही जीवन की एकमात्र समस्या है।*

*अध्याय 2 – सही ज्ञान ही हमारी सभी समस्याओं का अंतिम समाधान है।*

*अध्याय 3 – निःस्वार्थता ही प्रगति और समृद्धि का एकमात्र मार्ग है।*

*अध्याय 4 – प्रत्येक कार्य प्रार्थना का कार्य हो सकता है।*

*अध्याय 5-व्यक्तित्व के अहंकार को त्यागें और अनंत के आनंद का आनंद लें।*

*अध्याय 6 – प्रतिदिन उच्च चेतना से जुड़ें।* *अध्याय 7 – आप जो सीखते हैं उसे जिएं।*

*अध्याय 8 – अपने आप को कभी मत छोड़ो।* *अध्याय 9 – अपने आशीर्वाद को महत्व दें।*

*अध्याय 10 – चारों ओर देवत्व देखें।*

*अध्याय 11 – सत्य को जैसा है वैसा देखने के लिए पर्याप्त समर्पण करें।* *अध्याय 12 – अपने मन को उच्चतर में लीन करें।*

*अध्याय 13 – माया से अलग होकर परमात्मा से जुड़ो।*

*अध्याय 14 – एक ऐसी जीवन-शैली जिएं जो आपकी दृष्टि से मेल खाती हो।*

*अध्याय 15 – देवत्व को प्राथमिकता दें।* *अध्याय 16 – अच्छा होना अपने आप में एक पुरस्कार है।*

*अध्याय 17 – सुखद पर अधिकार चुनना शक्ति की निशानी है।*

*अध्याय 18 – चलो चलें, ईश्वर के साथ मिलन की ओर बढ़ते हैं।* (इस सिद्धांत में से प्रत्येक पर आत्मनिरीक्षण करें)

|| तत्सत् ||

 

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