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नगर निकाय

आरक्षण को लेकर सत्तारूढ़ दल में उठे विरोध के स्वर, नहीं हो सकी घोषणा

नहीं बनी सहमति, अटका निकाय अध्यक्षों व महापौर का आरक्षण

लखनऊ: महापौर और पालिका व पंचायत अध्यक्षों के पद पर संभावित आरक्षण को लेकर सत्तारूढ़ दल में विरोध के सुर उठने लगे हैं इसके चलते शनिवार को इन पदों पर चुनाव के लिए आरक्षण जारी नहीं हुआ अब सरकार व संगठन में आरक्षण को लेकर एक राय होने के बाद ही इसकी घोषणा की जाएगी ,

वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा के बिजली कर्मचारियों के साथ वार्ता में व्यस्त होने के कारण आरक्षण को लेकर प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित की गई है नगर निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग ने 545 नगर पंचायतों 200 नगर पालिका परिषद और 17 नगर निगम के वार्ड में आरक्षण निर्धारित कर दिए हैं, जबकि महापौर और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण की घोषणा शनिवार दोपहर 3:00 बजे नगर विकास मंत्री की ओर से होनी थी ,

जबकि सूत्रों का कहना था कि विभाग की ओर से चक्रानुक्रम से तैयार आरक्षण के प्रस्ताव पर सत्तारूढ़ दल में सहमति नहीं बनी है सूत्र बताते हैं कि कुछ निकायों में महापौर व चेयरमैन पद सामान्य के लिए आरक्षित किया गया है जबकि सत्तारूढ़ दल 2024 के सामाजिक समीकरण के तहत वहां ओबीसी आरक्षण चाहता है

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