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नगर निकाय

निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक 23 तक बढ़ी

लखनऊ: प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में बृहस्पतिवार को जनहित याचिकाओं पर समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो सकी, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को नियत की है इसके साथ ही अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक भी शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दी है,

न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडे व अन्य की जनहित याचिका पर दिया, बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याची याची की ओर से दलील दी गई थी कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है ,इसका सामाजिक ,आर्थिक , अथवा शैक्षिक पिछड़ेपन से कोई लेना-देना नहीं है ऐसे में ओबीसी आरक्षण तय किए जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराया कराना अनिवार्य है ,

राज्य सरकार ने दाखिल किए गए अपने जवाबी हलफनामे में कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी को आरक्षण का आधार माना जाए ,सरकार ने कहा कि इस इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किस प्रधानों के तहत निगाहों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है? इस पर सरकार ने कहा कि 5 दिसंबर 2011 के हाईकोर्ट के फैसले के तहत प्रावधान है

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