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उत्तर प्रदेश

निकाय चुनावों में बगावत रोकने को जिला स्तर पर ही सहमति बनाएगी बीजेपी

यूपी में भी पार्टी सत्ता में होने के कारण नगर निगम के मेयर नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष और सभासदों के लिए टिकट चाहने वालों की लंबी कतार

उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर सभी सियासी दलों ने तैयारी तेज कर रखी हैं। BJP दिल्ली नगर निगम चुनाव और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में रह गई खामी और उससे उठी बगावत से यूपी में सबक ले रही हैं। BJP की रणनीति है कि निकाय चुनाव में बगावत रोकने के लिए जिलों मे ही कैंडिडेट चयन पर सहमति बनाई जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी में भी पार्टी सत्ता में होने के कारण नगर निगम के मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष और पार्षदों/सभासदों के लिए टिकट से चाहने वालों को लंबी कतार रहेगी। पार्टी का  मानना है कि टिकट एक को दिया जाएगा ऐसे  में टिकट से वंचित दावेदारों में कुछ बगावत   का रास्ता अपना सकते हैं। इससे पार्टी को नुकसान हो सकता हैं।

BJP के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी साफ कह चुके है कि अगर उनके पास किसी जिले से टिकत मांगने को लेकर शिकायत आई तो यह समझा जाएगा कि उस जिले का संगठन ठीक से काम नहीं कर पा रहा हैं। दरअसल, प्रदेश संगठन की तरफ से जिलों को संदेश दिया गया है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव और हिमाचल प्रदेश में BJP नेताओं की बगावत का दोहराव यूपी में नहीं होनी चाहिए। इसके लिए जिला स्तर पर ही पार्टी संगठन टिकट बंटवारे में आम सहमति बनाएं। जिला स्तर के पदाधिकारी इसके लिए प्लान तैयार रखें। बगावत या असंतोष रोकने के लिए टिकट के दावेदारों से भी पार्टी के क्षेत्रीय और प्रांतीय नेता अलग-अलग मिलकर बात करेंगे। संदेश देंगे टिकट किसी को भी मिले, चुनाव कमल के फूल को ही लड़ाना है। BJP मुस्लिमों को साधकर SP और BSP को झटका देगी।

BJP की नजर निकाय चुनाव में SP और BSP से जुड़ाव रखना वाले मुस्लिमों पर हैं। BJP मुस्लिमों को साधने की तैयारी में जुटी है। BJP के प्लान के मुताबिक, पार्टी यूपी के सभी 17 नगर निगमों में पसमांदा मुसलमानों का सम्मेलन करेगी, ताकि पसमांदा मुस्लिम  समाज को अपने साथ जोड़ सके। मुस्लिमों की कुल आबादी में 70 फीसदी पसमांदा (पिछड़े) मुस्लिम माने जाते हैं। इसी के र साथ इस बार निकाय चुनाव में BJP की ए रणनीति पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों को  उम्मीदवार बनाने की भी हैं।

 

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