Bulandshahr
जिम्मेदार कौन: खुले आम डाला जाता है गरीबों के निवाले पर डाका
शासन प्रशासन सोया कुंभकर्णी नींद , डीलरों व अधिकारियों की मौज
औरंगाबाद( बुलंदशहर) बुलंदशहर जनपद के औरंगाबाद कस्बे में गरीबों के निवाले पर खुले आम डाका डाला जाता है। यहां राशनकार्ड धारकों को पांच किलो ग्राम प्रति यूनिट की बजाय सिर्फ चार किलोग्राम प्रति यूनिट राशन देकर टरका दिया जाता है। खास बात यह है कि यदि कोई उपभोक्ता किसी राशन डीलर की शिकायत करने की जुर्रत करे तो उसका राशनकार्ड ही कैंसिल करा दिया जाता है। ऐसी दशा में राशनकार्ड धारक जो मिल रहा है उसी पर सबर करने पर विवश हैं।
माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश भर में आम गरीब लोगों को राहत देते हुए पांच किलो ग्राम राशन प्रति यूनिट प्रति माह मुफ्त दिये जाने की योजना प्रधानमंत्री मुफ्त अन्न वितरण योजना के नाम से लागू की है योजना के अंतर्गत दिसंबर 2023 तक मुफ्त राशन वितरण किया जाना है। इस कसबे में अभी नवंबर माह का ही राशन वितरण किया जा रहा है। भले ही आदेश पांच किलो ग्राम प्रति यूनिट राशन वितरण किए जाने के हों यहां सिर्फ दो किलो ग्राम गैंहू व दो किलो ग्राम चावल ही उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि राशन डीलरों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए किसी अधिकारी की तैनाती नहीं है पूर्ति निरीक्षक, तहसीलदार,एस डी एम सदर एसडीओ एवं स्वयं जिलाधिकारी को शासन से उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए तेनात किया गया है लेकिन तमाम अधिकारी पूर्ति निरीक्षक के जिम्मे समस्त जिम्मेदारी सौंप कर बेफ्रिक हैं और पूर्ति निरीक्षक को यहां के राशन कार्ड धारकों ने कभी कसबे में आते जाते देखा ही नहीं है। उपभोक्ताओं का कहना है कि डीलरों की शिकायत करने पर भी उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा हमारे कार्ड ज़रूर कैंसिल करा दिए जायेंगे। कुछ शिकायत दर्ज कराने वाले लोग अपने राशन कार्डों से हाथ धो भी चुके हैं।
उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि जिले के आला अफसर उपभोक्ताओं को पूरा राशन दिलाने के लिए कटिबद्ध हैं तो वे कस्बे में आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से इतर टीम भेजकर राशन कार्ड धारकों से मिल रहे राशन की बाबत जांच पड़ताल करायें तब पूर्ति निरीक्षक और राशन डीलरों की कारगुज़ारियों और मिली भगत की पोल खुलते देर नहीं लगेगी।
महिला राशनकार्ड धारक उपभोक्ता रहीसा पत्नी गुलफाम निवासी सईदगढी ने बताया कि उसका चार यूनिट का राशनकार्ड है। डीलर ने आठ किलो ग्राम चावल और आठ किलो ग्राम गैंहू दिया है। उसने बताया कि सभी लोगों को इतना ही राशन दिया जा रहा है। शिकायत किससे करें जब कोई सुनता ही नहीं है।
आए दिन सभी जगह से आ रही भ्रष्टाचार की खबरों के बीच जनप्रतिनिधियों व उच्चाधिकारियों की चुप्पी कुप्रशासन की कहानी वाया कर रही है अब जनता खुलकर चौराहों व गलियों में भ्रष्टाचार को लेकर खुलेआम बात करते देखी जा सकती है वह समय दूर नहीं है जब गरीब जनता इन भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को खुद सबक सिखाएगी
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल