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Bulandshahr

विकास योजना में शामिल हुई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 

योजना पर मुख्यमंत्री कार्यालय से सीधे रखी जाएगी नजर, जनपद में अब तक 88326 महिलाओं को मिला योजना का लाभ

बुलंदशहर:प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को अब विकास योजना में शामिल कर लिया गया है। यानि इस योजना में अब धन की कोई कमी नहीं होने पाएगी और इस योजना के क्रियान्वयन पर मुख्यमंत्री कार्यालय सीधे नजर रखेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को विकास योजना में शामिल करने पर योजना का निरीक्षण मुख्यमंत्री कार्यालय से नामित नोडल अधिकारी करेंगे। यह योजना मां और शिशु के पोषण व आहार से संबंधित है इसलिए इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हर महीने समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा इसकी प्रगति रिपोर्ट सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के अंतर्गत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी फीड की जाएगी। इसमें बजट की कोई कमी नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला व माताओं को पांच हजार रुपये दिए जाते हैं। यह राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाती है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया – सभी गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताएं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ ले सकती हैं। योजना का लाभ पाने के लिए महिला की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा सरकारी कर्मचारी, किसी अन्य कानून से लाभ पा रही प्राइवेट कर्मचारी को इस योजना का लाभ नहीं मिलता है। सरकारी कर्मचारी की सेवाशर्तों में वेतन सहित मातृत्व अवकाश जैसे लाभ पहले से ही जुड़े होते हैं जबकि प्राइवेट संस्थान में काम करने वाली महिला अगर किसी अन्य कानून के तहत मातृत्व लाभ की सुविधा प्राप्त कर रही है तो वह भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त नहीं कर सकती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका और आशा कार्यकर्ता इस योजना का लाभ ले सकती हैं।

योजना के नोडल अधिकारी डा. प्रवीन कुमार ने बताया- योजना के तहत पहली बार गर्भवती (मां बनने) होने पर महिला को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिए जाते हैं,  प्रसव चाहे सरकारी या निजी अस्पताल में कराया गया हो। पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है। मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिये। निजी अकाउंट ही मान्य होगा। यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया- पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जाँच होने पर दूसरी किस्त के रूप में (गर्भावस्था के छह माह बाद) 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।

योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक अनिता शर्मा ने बताया- जनपद में 1 जनवरी 2017 से अब तक 88326 महिलाओं को इस योजना में रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। योजना के अंतर्गत अब तक 35.82 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खाते में दिये जा चुके हैं। लाभार्थी आशा कार्यकर्ता, एएनएम अथवा ऑनलाइन स्वयं फार्म भर सकते हैं।

रिपोर्टर उपेंद्र शर्मा

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