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एक रूपया व एक ईट

 गर्व से कहो कि हम अग्र- वैश्य हैं, के साथ प्रति वर्ष की भांति 26 सितंबर को होगा शिरोमणि महाराजा अग्रसेन जयंती पर पूजन

दनकौर( गौतम बुध नगर)द्रोण नगरी में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी अग्र- वैश्य समाज द्वारा “गर्व से कहो कि हम अग्र- वैश्य हैं” के साथ शिरोमणि महाराजा अग्रसेन जयंती पर 26 सितंबर दिन सोमवार को मुकेश गोयल (बबली )कपड़े वालों की दुकान पर प्रातः 10 बजे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ महाराजा अग्रसेन जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर मनाया जाएगा ,

इस अवसर पर अपने अग्रवाल समाज के उत्थान हेतु सुझाव व विचार भी रखे जाएंगे उसके बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा ,

अखिल भारतीय वैश्य- अग्रवाल महासभा दनकौर के कोषाध्यक्ष अतुल मित्तल ने बताया कि इस वर्ष अग्रवाल समाज द्वारा 7 अक्टूबर दिन शुक्रवार को शिरोमणि महाराजा अग्रसेन जी की विशाल शोभायात्रा भव्य झांकियों व सुंदर सुंदर बैंड बाजों के साथ दनकौर के प्रमुख मार्गों से निकाली जाएगी इस को सफल बनाने के लिए जोर शोर से तैयारियां की जा रही हैं ,

वैसे तो समय-समय पर लोकप्रिय ग्लोबल न्यूज़ 24×7 द्वारा सभी को शिरोमणि महाराजा अग्रसेन जी के सम्मान में पूर्ण इतिहास की जानकारी देने का प्रयास करता रहा है उसी कड़ी में आज अग्रसेन जयंती पर अग्र- वैश्य समाज को यहां पर कुछ पंक्तियां समर्पित की जा रही हैं ,

हम औरों को अमृत पिलवाते……..

हम श्रेष्ठ पुरुष हैं इसीलिये, हम श्रेष्ठी कहलाते हैं।
हम औरों अमृत पिलवाते, स्वयं जहर पी जाते है।
सहते-सहते भार सभी का ,हम स्वयं धरा बन जाते हैं।
भारत माता की आन-बान हित, अपना शीश कटाते है।
हम औरों को अमृत  पिलवाते , स्वयं जहर पी स्वयं जहर जाते हैं।

हम दानवता के भंजक हैं, और मानवता के रक्षक है।
हम संस्कृति के वाहक है, और कायरता के भक्षक है।
हम न्याय करें इस धरती पर, और न्यायशील कहलाते है।
हम दया- धर्म की रक्षा करते, और दयाशील कहलाते है।
हम औरों को अमृत पिलवाते, स्वयं जहर पी जाते है।

हममें पृथ्वी जैसा बल हैं, हम करते नहीं प्रयोग कभीं। हममें कुबेर का धन हैं, हम करते नहीं  दुरूपयोग कभी ।
हम देश-धर्म की रक्षा में ही, बल और धन दे जाते है।
हम मानवता की रक्षा में ही,सारा जीवन दे जाते हैं।
हम औरों को अमृत  पिलवाते ,स्वयं जहर पी स्वयं जहर जाते हैं।

हम सुव्यवस्था के पोषक है, अव्यवस्था दूर भगाते है।
हम सुख-शान्ति के द्योतक है, अशान्ति  दूर भगाते है।
हम भारत माँ के वीर पुत्र है, वीर शिरोमणि कहलाते हैं।
हम श्रेष्ठ पुरूष इसीलिए, हम श्रेष्ठी कहलाते है।
हम औरों है को अमृत पिलवाते,  स्वयं जहर पी जाते है।

प्रस्तुति – ओम प्रकाश गोयल मुख्य संपादक ग्लोबल न्यूज 24 ×7

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