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Bulandshahr

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जगह-जगह हुए जागरूकता कार्यक्रम

रैली निकालकर दिया बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश, आज किसी भी क्षेत्र में बेटियां किसी से कम नहीं हैं : सीएमओ

बुलंदशहर,: जनपद में जिला अस्पताल से लेकर समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर मंगलवार को शहर के आधा दर्जन स्कूलों की छात्राओं व आशा कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ रैली निकाली। जिला अस्पताल से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित जनजागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में छात्राओं ने स्लोगन लिखी तख्तियां ली हुई थीं, जिस पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे लिखे थे। शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए रैली वापस जिला अस्पताल परिसर पहुंची।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने कहा- बेटी शिक्षित होगी तो समाज भी शिक्षित होगा। आज किसी भी क्षेत्र में बेटियां किसी से कम नहीं हैं। खेल, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान व अन्य क्षेत्रों में बेटियों का दबदबा है। ऐसे में हमें बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं करना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरूक किया।

कार्यक्रम के नोडल डॉ गौरव सक्सेना ने कहा- देश में बेटियों की लगातार घट रही संख्या चिंता का विषय है। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार की ओर से बेटियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया भ्रूण लिंग जांच करने और कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए मुखबिर योजना चला रहा है। डा. यादव ने बेटियों के स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहने की बात कही।

विकास भवन सभागार में गोष्ठी का आयोजन

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जनपद के विकास भवन सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) कुलदीप कुमार ने की। उन्होंने कहा – हर वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लिंगानुपात को सुधारने की दिशा में प्रयास करना है। इसके साथ ही पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994( पीसीपीएनडीटी) के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है।

पहासू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जनजागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली का शुभारंभ प्रभारी डा. मनोज कुमार ने हरी झंडी दिखा कर किया। रैली में आशा सहित आशा संगनी ने विभिन्न स्लोगनों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। रैली कस्बा के मुख्य मार्गों से होकर पुनः अस्पताल प्रांगण में आकर समाप्त हुई। इस मौके पर बीपीएम अनिल कुमार, आकाश कुमार, केपी सिंह, अब्दुल, आशा संगनी मंजू शर्मा, दिनेश कुमार, गुड्डी, समीना सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

क्या है पीसी-पीएनडीटी एक्ट

पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले या करने वाले डाक्टर व लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

मुखबिर योजना

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. गौरव सक्सेना ने बताया प्रदेश सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए मुखबिर योजना चलायी हुई है। योजना के तहत कन्या भ्रूण हत्या की जानकारी देने वाले को सरकार की ओर से दो लाख रुपये का इनाम दिया जाता है। मुखबिर की पहचान गुप्त रखी जाती है।

रिपोर्टर उपेंद्र शर्मा

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