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उत्तर प्रदेश

भाजपा राष्ट्रवादी विचारधारा वाले दलों को भी साथ लेकर चले – दिव्य अग्रवाल  

लखनऊ: एक ऐसा राजा जिसने असंख्य षड्यंत्रों का सामना करने के पश्चात भी राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ कभी समझौता  नहीं किया। एक समय था जब भारत के करोड़ों हिन्दू सनातन की रक्षा के लिए भाजपा को सत्ता में लाने हेतु स्वप्न देखा करते थे एवं उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा का आधिपत्य स्थापित था । उस समय राजा रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने अपने राजनीतिक अनुभव व समीकरणों का उपयोग कर बसपा को पराजित कर भाजपा को सत्ता की चाबी सौंपने का कार्य किया था । जिसके परिणाम स्वरूप बसपा की सरकार आने पर राजा भैया को असंख्य झूठे मुकदमों का सामना करना पड़ा जिसका मात्र एक ही कारण भाजपा का साथ देना था। आज जब भारत के सभी राजनीतिक दल आदरणीय मोदी व योगी सरकार के विरुद्ध एक होने को तत्पर हैं

राजा भैया

राजा भैया राष्ट्रहित व मानवता रक्षा हेतु भाजपा द्वारा किये गये अधिकतर निर्णयो का खुले मन से स्वागत व समर्थन करते नजर आते हैं। इतना ही नहीं पिछले विधानसभा चुनाव में राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने उन क्षेत्रों से अपने प्रत्याशी भी घोषित नहीं किए जहां पार्टी की स्थिति तो बहूत मजबूत नहीं थी परंतु प्रत्याशी उतारने पर भाजपा की पराजय निश्चित ही संभव हो जाती । इतना ही नही राजा भैया ने सार्वजनिक रूप से घोषणा भी की थी चाहे कुछ भी हो जाये सपा की सरकार नही बनने देंगे जिसका लाभ निश्चित ही भाजपा को हुआ । राजा भैया द्वारा अधिकांश मंचो से कहे गए व्यक्तवियो का यदि आकलन किया जाए तो उनमे राष्ट्रहित की भावना समाहित दिखाई पड़ती है जिसके कारण राजा भैया की लोकप्रियता भी लगभग सभी राज्यो में बढ़ी है । इसके पश्चात हतप्रभ करने वाला विषय यह है कि प्रतापगढ़ की क्षेत्रीय राजनीति में बसपा, सपा व भाजपा तीनो दलों के पदाधिकारीगण एकसाथ  मिलकर राजा भैया के विरुद्ध योजनाबद्ध तरीके से नित कुछ न कुछ  षड्यन्त्र करते रहते हैं । भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को समझना होगा कि ऐसे क्षेत्रीय राजनीतिक दल जो भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा का समर्थन करते हैं भाजपा को  उन दलों के साथ समन्वय स्थापित कर, विपरीत विचारधारा वाले लोगो को पराजित करना चाहिए । यदि क्षेत्रीय स्तर की दलगत राजनीति के चलते सत्तापक्ष के ही  कुछ स्वार्थी लोग विपरीत विचारधारा वाले दलों से व्यक्तिगत गठबंधन कर लेंगे तो निश्चित ही श्रेष्ठ राष्ट्र प्राप्ति के लक्ष्य  को बड़ा नुकसान हो सकता है । भाजपा को अपने उन क्षेत्रीय नेताओं पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए जो व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा व लालच की पूर्ति हेतु हर संभव कार्य करने को तत्पर हैं,

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