धर्म
विधानसभा में चौपाई के साथ साथ आयतो पर भी हो चर्चा — दिव्य अग्रवाल
श्री रामचरितमानस को लेकर कुछ लोगो की इच्छा थी की उत्तर प्रदेश की विधानसभा में श्री रामचरितमानस की चौपाई पर चर्चा हो अतः विधानसभा अध्यक्ष महोदय को न सिर्फ श्री रामचरितमानस पर चर्चा करवानी चाहिए अपितु मजहबी पुस्तक की उन आयतो पर भी चर्चा करवानी चाहिए जिनको दिल्ली मेट्रोपोलियन कोर्ट की बेंच ने 1986 में विवादित एवम अमानवीय घोषित किया था । निश्चित ही ऐसी कोई भी धार्मिक/मजहबी पुस्तक जो समाज में वैमन्सयता को जन्म देती हो उस पर चर्चा भी होनी चाहिए एवं सुधार भी चाहे वो पुस्तक किसी भी धर्म की हो या मजहब की अन्यथा समाज को भर्मित करने वाले लोग अपने अपने लाभ अनुशार धार्मिक पुस्तकों का गलत व्याख्यान करते रहेंगे । श्री रामचरितमानस पर विधानसभा में की गयी चर्चा की वैधानिक प्रमाणिकता होगी जिससे चौपाई में लिखे शब्दों का उचित व् सही भावार्थ आम जनमानस तक पहुँच सकेगा । बात यदि मानवता व् नारी सम्मान की सुरक्षा के साथ साथ समानता की है तो उन आयतो पर सार्वजनिक चर्चा होनी चाहिए जहां धर्म के आधार पर गैर मुस्लिमो से हिंसा व् बर्बरता करने का फरमान दिया जाता है । भारत में कब तक सनातन के प्रति दुष्प्रचार कर हिन्दुओ को आपस में ही बांटा जाता रहेगा इस पर तर्कसंगत चर्चा हो जिससे सम्पूर्ण विश्व में श्री रामचरितमानस व् भगवद गीता की स्वीकार्यता से मानवता का संरक्षण सम्भव हो सके ।