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Bulandshahr

फ्लोर मिलों पर करोड़ों की बिजली चोरी के सनसनीखेज मामले पर हो रहा है पर्दा डालने का प्रयास

छोटी मछली जाल में मगरमच्छ पाक साक तीन कर्मचारियों को बलि का बकरा बना दोषी,उच्चाधिकारियों को क्लीन चिट

औरंगाबाद (बुलंदशहर ) एक कहावत है जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो रक्षा कौन करे। ठीक यही कहावत चरितार्थ हो रही है औरंगाबाद क्षेत्र के विद्युत विभाग में।
लगभग दस बारह दिन पूर्व कस्बे की दो फ्लोर मिलों पर जिले के बाहर से आये उच्च स्तरीय विद्युत जांच दल ने छापा मारकर करोड़ों रुपए की बिजली चोरी पकड़ी थी। इस छापे की खास बात यह रही कि इस कार्रवाई की भनक तक भी स्थानीय विद्युत अधिकारियों व कर्मचारियों को नहीं लगने दी गई। अधिकारियों ने यह छापामार कार्रवाई व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता के चलते पक्के सबूतों के साथ की गई एक उच्च स्तरीय शिकायत मिलने पर शासन स्तर से मिले आदेश पर की थी। जांच दल ने पाया कि फ्लोर मिलों को सीधे एल टी लाइन पर तार डाल कर विद्युत चोरी करके चलाया जा रहा था।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मिल मालिक जो कि दोनों ही फ्लोर मिलों का स्वामी है ने ओन दा स्पाट लाखों (लगभग बीस से तीस लाख) की पेशकश कर मामले का हाथों हाथ निपटारा करने का प्रयास भी किया लेकिन हाई प्रोफाइल मामला होने के चलते मामला ना केवल दर्ज हुआ बल्कि एफ आई आर भी दर्ज कराई गई थी।
अब हालात ये हैं कि मामले में लिप्त एस डी ओ, और जे ई को अभय दान देने की मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन किसी को तो बलि का बकरा बनाना ही पड़ेगा क्योंकि मामला हाईप्रोफाइल हो चुका है अतः दो लाइन मैन नरेंद्र और सुनील तथा एस एस ओ कपिल के खिलाफ भी विजिलेंस थाने में विद्युत चोरी संलिप्तता के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जानकार सूत्रों का मानना है कि दो तीन छोटे कर्मचारियों की इतनी जुर्रत और सामर्थ्य नहीं है कि वो दो दो फ्लोर मिलों पर करोड़ों की बिजली चोरी करा सकें और विभाग के आला अफसरों को कानों कान खबर तक नहीं लगे।

हकीकत जानने का प्रयास करने पर ज्ञात हुआ कि मामला यहां से खुर्जा स्थानांतरित होकर गये एस डी ओ जे पी गुप्ता और तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राहुल प्रकाश के समय से ही यह अनैतिक और गैर कानूनी धंधा चला आ रहा है। जे पी गुप्ता का नाम उस समय भी प्रकाश में आया था जब सूरजपुर टीकरी रोड पर निर्माणाधीन एक फैक्टरी को पांच सौ किलोवाट का कनेक्शन मंजूर करने की एवज में एक करोड़ सत्तर लाख का ओवर एस्टीमेट तैयार कराकर थमा दिया गया था। मामले की हाई लेवल पर शिकायत हुई एक्स ई एन जितेन्द्र कुमार निलंबित किये गये हालांकि एस डी ओ अपनी चालाकी से बच निकलने में कामयाब रहा था। मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच पड़ताल हो तो पूर्ववर्ती अधिकारी एस डी ओ , जे ई की संलिप्तता सामने आने से रुक नहीं पायेगी। मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को चाहिए कि मामले का संज्ञान लेते हुए तमाम मगरमच्छों को सीधे जेल भेज कर बर्खास्त करें। उससे पहले बिजली चोरी रुक नहीं पायेगी।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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