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Bulandshahr

अस्पताल परिसर में हर्बल वाटिका तहस नहस, स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भृष्टाचार का एक और नया कारनामा

बिना किसी परमीशनलाखों के पेड़ कटवा कर रातों रात बेच डाले

औरंगाबाद (बुलंदशहर) अपने नित नए कारनामों से चर्चित स्वास्थ्य विभाग के भृष्टाचार में लिप्त अधिकारी कर्मचारियों का एक और नया कारनामा प्रकाश में आया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लखावटी परिसर में स्थापित हर्बल वाटिका खुद स्वास्थ्य विभाग के भृष्ट कर्मचारियों नेअधिकारियों से सांठगांठ करके उजाड़ डाली। यहां लगे दर्जनों बेशकीमती पेड़ रातों रात कटवा कर बेच दिये गये और कानों कान किसी को भनक तक भी नहीं लगने दी गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लखावटी में मंदिर के सामने दर्जनों शीशम,पिलखन, जामुन अशोक नीम पापड़ी आदि के विशाल पेड़ लगे हुए थे। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज और तामीरदार इनकी छाया में आराम कर लिया करते थे। यही पर स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार एक हर्बल वाटिका का शुभारंभ तत्कालिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा कैलाश नाथ तिवारी ने अपने हाथों औषधीय पोधै रोपकर किया था। अस्पताल परिसर में लगे इन विशाल पेड़ों को औरंगाबाद के समुदाय विशेष के जन प्रतिनिधि के आदमियों ने अस्पताल में तैनात

अपने ही समाज के एक भृष्ट संविदा कर्मी के साथ मिलकर आरा चला कर धराशाई कर डाला और लकड़ी भी उसी की आरा मशीन पर बेच डाली गई। पेड़ कटवा कर प्राप्त लाखों की रकम सरकारी कोष में जमा ना करके खुद ही हड़प ली गई।

नियमानुसार किसी भी सार्वजनिक स्थल पर लगे पेड़ को काटे जाने से पूर्व वनविभाग से पूर्वानुमति लिया जाना आवश्यक है । अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालने की गरज से हर्बल वाटिका भी खुद ही उजाड़ डाली और मैदान समतल कर दिया। किसी ने टोका तो कह दिया यहां वार्ड बनेगा। वार्ड कब बनेगा यह भ्रष्टाचारियों को ही पता होगा। लेकिन जब बाड़ ही खेत को खाने पर आमादा हो जाये तो रखवाली का तो प्रश्न ही नहीं उठता।

अस्पताल अधीक्षक डॉ हरेंद्र सिंह ने प्रकरण से अनभिज्ञता जताते हुए खुद को मीटिंग में व्यस्त बताकर पल्ला झाड़ लिया।

सी एम ओ डा विनय कुमार सिंह ने जांच कराने की बात कही है।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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