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Bulandshahr

जनपद के 245 स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया एकीकृत निक्षय दिवस 

बुलंदशहर: जनपद के शहरी व देहात की 245 चिकित्सा इकाइयों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर सोमवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। आयोजित दिवस पर मरीजों की टीबी की जांच की गई। संभावित टीबी मरीजों के बलगम के नमूने भी लिए गए। इस दौरान लोगों को टीबी के लक्षणों के बारे में बताते हुए रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, लक्षणों के आधार पर टीबी की जांच होना बहुत जरूरी है। जिला अस्पताल सहित स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी की जांच की सुविधा उपलब्ध है। जनपद में सोमवार को 21 कार्य दिवस तक चलने वाला विशेष टीबी रोगी खोज अभियान शुरू हुआ।

 

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. हेमंत रस्तोगी ने बताया सोमवार को जनपद के 245 स्वास्थ्य केंद्रों पर एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित एकीकृत निक्षय दिवस पर आने वाले मरीजों की टीबी की जांच की गयी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच में टीबी की पुष्टि होने पर तुरंत उपचार शुरू किया जाता है। अप्रैल में आयोजित एकीकृत निक्षय दिवस में 18 टीबी के मरीज मिले थे। सभी मरीजों का उपचार शुरू हो चुका है। शासन के निर्देश पर 21 कार्य दिवस का विशेष टीबी रोगी खोज अभियान भी शुरू हो गया, जिसके तहत मरीजों को खोज कर उनका उपचार शुरू किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा विनय कुमार सिंह ने बताया वर्ष 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने की मुहिम लगातार जारी है। सोमवार को जनपद के 245 स्वास्थ्य केंद्र पर निक्षय दिवस मनाया गया । उन्होंने बताया संभावित मरीजों के बलगम के नमूने ले लिए गये हैं, जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उनका उपचार शुरू किया जाएगा। निक्षय दिवस पर चिकित्सक और सीएचओ ने मौजूद लोगों को टीबी के लक्षण व उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया गया उपचार के साथ-साथ पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को ₹500 प्रतिमाह दिये जाते हैं यह राशि मरीज खाते में सीधे भेजी जाती है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा हेमंत रस्तोगी ने बताया- टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो ट्यूबरक्‍युलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर होता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले, हड्डी आदि में भी टीबी हो सकती है। सबसे कॉमन फेफड़ों की टीबी है, जो कि मरीजों के खांसने छींकने से दूसरे इंसान में फैलती है। फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में नहीं फैलती। टीबी खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है। इसलिए टीबी के आसार नजर आने पर जांच करानी चाहिए।

एक्सरसाइज व योग करें।

  • बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।
  • भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें।
  •  बच्चे के जन्म पर सभी टीके जरूर लगवाएं।

 

रिपोर्टर उपेंद्र शर्मा

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