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उत्तर प्रदेश

कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत ने बढाया राजपूत समाज का मान – अजय चौहान

बागपत(, उत्तर प्रदेश) मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत को उनकी जन्म जयंती पर जनपदभर में याद किया गया और उनको श्रद्धांजली अर्पित की गयी। बागपत राजपूत विकास समिति बागपत के पूर्व जिलाध्यक्ष व जनपद बागपत के पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजय चौहान ने बताया कि 6 राजपूताना राइफल्स में हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत का जन्म 20 मई वर्ष 1918 को राजस्थान के झुंझनूं जिले में स्थित बेरी गांव में हुआ था। पीरू सिंह बचपन से ही सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते थे। 18 वर्ष की आयु में 20 मई 1936 को पीरू को सेना ने झेलम में पंजाब रेजिमेंट की 10वीं बटालियन में शामिल किया। ट्रेनिंग के बाद 1 मई 1937 को पीरू को 5वीं बटालियन में तैनाती मिली। सेना में नौकरी के साथ-साथ उन्होंने अनेकों परीक्षाएं पास की। वह 1940 में लांस नायक, 1942 में हवलदार व 1945 में कंपनी हवलदार मेजर बने। देश के आजाद होने के बाद उनका तबादला राजपूताना राइफल्स की छठी बटालियन में कर दिया गया। इसके एक वर्ष बाद वह जम्मू कश्मीर के तिथवाल सेक्टर पहुंचे जहां पाकिस्तानी फौजियों ने 8 जुलाई 1948 को रिंग कॉन्टोर पर कब्जा कर लिया था। देश को सुरक्षित रखने के लिए इस पोस्ट को पाकिस्तानियों के कब्जे से मुक्त कराना आवश्यक था। पीरू सिंह ने साथियों के साथ 11 जुलाई को पाकिस्तानियों द्वारा कब्जायी पोस्ट पर हमला किया। चार दिनों तक चली ताबडतोड़ फायरिंग में पीरू सिंह ने अदमय साहस का परिचय देते हुए अनेकों पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया और उनके बंकर तबाह कर दिये। अन्त में अकेले रहने के बाबजूद भी उन्होंने हिम्मत नही हारी और अदमय साहस व शौर्य का परिचय दिया और खून से बुरी तरह लथपथ होने के बाबजूद पीछे नही हटे। बताया कि इस लडाई में वह शहीद होने से पहले पोस्ट को पाकिस्तानियों के कब्जे से मुक्त करा चुके थे। 17 जुलाई को भारत सरकार द्वारा कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत को मरणोपरान्त परमवीर चक्र से नवाजा गया।

अजय चौहान ने कहा कि राजपूत समाज कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत की शहादत को नमन करते हुए उनको श्रद्धांजली अर्पित करता है। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा। अजय चौहान ने कहा कि कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत के बलिदान को कभी भुलाया नही जा सकेगा।

रिपोर्टर विवेक जैन

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